चिक्कमगलुरु (कर्नाटक) – इजराइल से छात्रों का एक समूह संस्कृत सीखने के लिए चिक्कमगलुरु आया है। इजराइल में जन्मे ये छात्र भारतीय संस्कृति , परंपराओं और नैतिकता का अध्ययन कर रहे हैं ।
A group of students from #Israel on visit to Karnataka to learn Sanskrit and Valmiki #Ramayana
They are making efforts to converse exclusively in Sanskrit!
It's infuriating that while foreign students come to India to learn #Sanskrit, parties like the #Congress in India label… pic.twitter.com/Nmp1pAadxx
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) October 1, 2024
वाल्मीकि रामायण के श्लोकों का अध्ययन !
इन छात्रों के लिए आवास की व्यवस्था हिरेमगलुरु, चिक्कमगलुरु में श्री कोदंडराम देवालय में की गई है । संस्कृत में पी.एच.डी करने वाले इजराइली प्रोफेसर रफी अपने ६ छात्रों के साथ आए हैं । ये छात्र इजराइल में कला की शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं । वर्तमान में यह दल हिरेमगलुरु में वाल्मीकि रामायण महाकाव्य के सुंदरकांड के कुछ श्लोक सीख रहा है ।
सिर्फ संस्कृत में बातचीत करने का प्रयास !
संस्कृत सीख रहे ये छात्र अब पूरी तरह से संस्कृत में बात करने में सक्षम हैं । इसके साथ ही ये छात्र भारत की भव्य परंपरा से प्रभावित हैं , ऐसा शिक्षक वैष्णव जी ने बताया ।
संपादकीय भूमिकाविदेशी छात्र भारत आकर संस्कृत सीखते हैं , जबकि भारत में कांग्रेस *जैसे दल संस्कृत को ‘मृत भाषा’ बताकर इसे *समाप्त करने का प्रयास करते हैं, यह संतापजनक है ! |