जिहादी आतंकवादी संगठन हिजबुल्लाह के प्रमुख नसरुल्लाह के निधन पर शोक
शिया मुसलमानों द्वारा ३ दिन के शोक की घोषणा
३०० दुकानें भी बंद रहेंगी
लक्ष्मणपुरी (उत्तर प्रदेश) – लेबनान की राजधानी बेरूत में जिहादी आतंकवादी संगठन हिजबुल्लाह के नेता हसन नसरुल्ला की हत्या के विरोध में २९ सितंबर की रात को लक्ष्मणपुरी में १० सहस्र मुसलमानों ने १ किलोमीटर तक मोमबत्ती जुलूस निकाला। साथ ही इन मुसलमानों ने घरों पर काले झंडे भी लगा दिए थे । मार्च में मुसलमानों ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की तस्वीर जलाई और ‘हसन नसरुल्लाह जिंदाबाद’, ‘ अमेरिका को जला डालो ‘ जैसे नारे लगाए । यहां के शिया मुसलमानों ने ३ दिन के शोक की घोषणा की है । इस दौरान बड़ा इमामबाड़ा से लेकर छोटा इमामबाड़ा तक की ३०० दुकानें बंद रहेंगी । उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में भी शिया मुसलमानों ने विरोध प्रदर्शन किया । नसरुल्लाह इजराइल की राह में रुकावट था । इजराइल ने बेगुनाहों का खून बहाने के कारण नसरुल्लाह को मार डाला।
एक मुस्लिम व्यवसायी ने कहा कि व्यवसाय हमारी भावनाओं से अधिक महत्वपूर्ण नहीं है । हम सत्य का समर्थन करने के लिए किसी भी मूल्य को मापने में सिद्ध हैं।
हुसैनी टाइगर्स संगठन के सदस्य ज़री जैदी ने कहा कि यह हमारे लिए बहुत कठिन समय है। ऐसा महसूस हो रहा है जैसे हमने अपने परिवार का एक सदस्य खो दिया है।’ जैसे हम घर पर किसी की मृत्यु पर शोक मनाते हैं, वैसा दु:ख हम महसूस कर रहे हैं। हम इजराइल के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की मांग करते है ।
‘हिज़बुल्लाह’ शिया मुसलमानों का आतंकवादी संगठन है !
हिजबुल्लाह शिया मुसलमानों का आतंकवादी संगठन है और इसे सुन्नी मुसलमानों का समर्थन नहीं है। विश्व के अधिकांश देशों में सुन्नी मुसलमानों के आतंकवादी संगठन हैं और उन्हें सुन्नी मुसलमानों का समर्थन प्राप्त है। पाकिस्तान में आतंकवादी संगठन सुन्नी मुसलमानों के हैं। चूंकि गाजा में ‘हमास’ सुन्नी मुसलमानों का आतंकवादी संगठन है, इसलिए इसे अधिक समर्थन मिलता है। इसकी तुलना में, हिज़्बुल्लाह के पास समर्थन का अभाव है; लेकिन हिजबुल्लाह ही हमास की मदद कर रहा था । हिजबुल्लाह को शिया मुसलमानों के देश ईरान का समर्थन प्राप्त है।
संपादकीय भूमिका
‘आतंकवाद का एक धर्म होता है और अधिकांश आतंकवादी मुसलमान होते हैं और उन्हें दुनिया भर के कट्टरपंथी मुसलमानों द्वारा हमेशा खुले तौर पर और आंतरिक रूप से समर्थन दिया जाता है’, एक ऐसी घटना जो फिर से *यह बात उजागर करती है !
इस्लामिक देशों, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में हजारों निर्दोष हिन्दुओं के मारे जाने के बाद भी भारत में १०० हिन्दुओं द्वारा भी कभी कोई *जुलूस नहीं निकाला गया और भविष्य में भी ऐसा होने की कोई संभावना नहीं है, यह हिन्दुओं के लिए शर्मनाक है !
यदि आतंकवादियों का समर्थन करने वाले लोग भविष्य में भारत में हिन्दुओं के विरुद्ध आतंकवादी कार्य करना शुरू कर दें तो आश्चर्यचकित न हों !