लक्ष्मणपुरी (उत्तर प्रदेश) – विख्यात पुरातत्व वैज्ञानिक के.के. मोहम्मद ने आवाहन करते हुए कहा, ‘मुसलमानों को मन बडा कर काशी एवं मथुरा के मंदिरों की भूमि पर निर्माण की गई मस्जिदों की जगह हिन्दुओं को सौंप देनी जाहिए; क्योंकि इन स्थानों के लिए हिन्दुओं की गहरी आस्था है ।’ वे एक कार्यक्रम में ऐसा बोल रहे थे । उन्होंने आगे कहा, ‘मुसलमानों को इन स्थानों से संलग्न मस्जिदों से कोई भी भावनात्मक लगाव नहीं है तथा ऐतिहासिक चूकें सुधारने हेतु मुसलमानों को स्वयं अगुवाई करनी चाहिए ।’ के.के. मोहम्मद ने बाबरी ढांचे के स्थान पर उत्खनन कर श्रीरामजन्मभूमि मंदिर के संदर्भ में महत्त्वपूर्ण निष्कर्ष दिए थे एवं उस स्थान पर एक प्राचीन मंदिर होने की बात कहा था ।
यदि मुसलमान बहुसंख्यक होते, तो भारत की धर्मनिरपेक्षता बनाए रखना कठिन हुआ होता !
के.के. मोहम्मद ने आगे कहा, ‘भारत आज धर्मनिरपेक्ष है, परंतु वह हिन्दुओं के कारण ही । यहां हिन्दू बहुसंख्यक हैं, इस कारण देश धर्मनिरपेक्ष है । इसके लिए मुसलमानों को आभार मानने चाहिए । यदि मुसलमान बहुसंख्यक होते, तो भारत की धर्मनिरपेक्षता बनाए रखना कठिन हुआ होता ।’ (भविष्य में भारत की यही स्थिति होनवाली है । भारत में अभी १४ प्रतिशत मुसलमान हैं । जबकि अनेक स्थानों पर हिन्दू पीटे जा रहे हैं । कल यदि वे ३० प्रतिशत हो गए, तो भारत इस्लामी देश हुए बिना रहेगा नहीं, यही वास्तविकता है ! – संपादक) स्वतंत्रता के उपरांत मुस्लिमों के लिए पाकिस्तान का निर्माण किया गया, जबकि हिन्दुओं को भारत दिया गया, तब भी हिन्दुओं ने उसे हिन्दू देश नहीं बनाया, उसे धर्मनिरपेक्ष बनाया। उसके लिए मुसलमानों को कृतज्ञता व्यक्त करनी चाहिए ।’
संपादकीय भूमिका
जो इतिहास है, वही के.के. मोहम्मद कह रहे हैं; परंतु धर्मांध मुसलमान जानबूझकर उसे अस्वीकार कर रहे हैं । क्या ऐसे लोग कभी भी हिन्दुओं से भाईचारे प्रस्तुत कर सकते हैं ? (क्या भारत में इस प्रकार की एकतरफा धर्मनिरपेक्षता कभी भी पनप सकती है ? ) |