Bareilly Dispute Over Illegal Mosque : बरेली (उत्तरप्रदेश) में अवैध मस्जिद की एक दीवार हिंदुओं ने तोडी !

पुलिस ने दीवार का पुनर्निर्माण कर दिया !

गिराई गई अवैध मस्जिद की दीवार

बरेली (उत्तरप्रदेश) – यहां के दांडी गांव में अवैध रूप से मस्जिद का निर्माण कार्य हाेने के कारण हिंदुओं ने उसका विरोध आरंभ किया है । हिंदुओं ने इस मस्जिद की एक दी‍ावार तोडने से यहां बहुत बडा तनाव निर्माण हुआ है तथा भारी मात्रा में पुलिस व्यवस्था नियुक्त की गई है । विशेष यह कि तोडी गई दीवार का पुलिस ने पुनर्निर्माण किया है ।

१. इस अवैध निर्माण के विषय में ३ महिने पूर्व हिंदुओं ने प्रशासन को परिवाद किया था । उस समय प्रशासन ने पुलिस कर्मियों की उपस्थिति में निर्माण कार्य काे बंद कर दिया था; परंतु इसके पश्चात भी निर्माणकार्य संपूर्ण रूप से तोडा न जाने के कारण हिंदुओं में क्रोध बढने लगा ।

२. २७ सितंबर को हिंदुओं ने अवैध मस्जिद की दीवार का एक भाग तोडा । इस घटना के पश्चात पुलिस ने तत्काल घटनास्थल पर पहुंच कर अपनी देखरेख में पुन: दीवार का निर्माण कार्य किया । इस समय हिंसाचार भी हुआ । इस प्रकरण में पुलिस ने कुछ हिंदुओं को बंदी भी बनाया ।

३. इस बंदी के कारण हिंदू संतप्त हुए तथा उन्होंने भाजप के विधेयक सांसद डॉ. आर्य के नेतृत्व में प्रदर्शन आरंभ किए । इस समय बंदी बनाए गए युवकों की बिना शती के मुक्तता कर अवैध निर्माणकार्य पूर्ण रूप से बंद करने की मांग की गई ।

४. पुलिस के दीवार पुनर्निर्माण कऱने से पुलिस की भूमिका के विषय में प्रश्न‍चिन्ह उपस्थित हुए हैं; क्योंकि हिंदुओं ने आरोप लगाया है कि पुलिस मुसलमान के पक्ष में काम कर रही हैं तथा अवैध निर्माणकार्य काे प्रोत्साहित कर रही है ।

५. पुलिस अधीक्षक मुकेश चंद्र मिश्रा ने कहा कि प्रशासन ने इससे पूर्व भी मस्जिद का अवैध निर्माणकार्य रोकने हेतु कदम उठाए थे । दंडाधिकारी के‍आदेश के अनुसार निर्माणकार्य पहले ही रोका गया था।’ हिंदुओं का आरोप है कि वहां नमाजपठन किया जा रहा था तथा निर्माणकार्य चुपचाप पुन: आरंभ किया गया ।

संपादकीय भूमिका

  • उत्तरप्रदेश मे भाजपा की सरकार रहते हुए अवैध रूप से निर्माण होनेवाली मस्जिद की दीवार का पुलिस द्वारा पुनर्निर्माण हाेना अनाकलनीय है । हिंदुओं को यह अपेक्षित नहीं !
  • अवैध रूप से मस्जिद का निर्माण कार्य होते समय तथा हिंदुओं के परिवाद प्रविष्ट करने पर भी निष्क्रिय रहनेवाले प्रशासन तथा पुलिस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कठोर कार्यवाही करना आवश्यक है !