जयपुर, कानपुर, भोपाल, इंदौर आदि शहरों में कैंपस शुरू होंगे !
लंदन (इंग्लैंड) – ब्रिटेन अगले ५ वर्षों में भारतीय महानगरों के साथ-साथ ‘टियर-२’ (५० हजार से १ लाख जनसंख्या वाले) शहरों में भी अपने कैंपस आरंभ करने जा रहा है । इसमें २४ ब्रिटिश विश्वविद्यालय सम्मिलित हैं, और साउथम्पटन विश्वविद्यालय सबसे पहले भारत में अपनी शाखा खोलेगा। इन विश्वविद्यालयों में विश्व प्रसिद्ध ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय भी सम्मिलित हैं । देश के जयपुर, कानपुर, भोपाल, इंदौर, पाटलिपुत्र आदि शहरों का चयन इसके लिए किया गया है । इसके लिए केंद्र सरकार ने पिछले सप्ताह ही अनुमति दी है । ऑक्सफोर्ड, कैम्ब्रिज और मैनचेस्टर विश्वविद्यालय ‘आईआईटी’ के साथ संयुक्त अनुसंधान करने वाले हैं । मैनचेस्टर विश्वविद्यालय के उपाध्यक्ष फ्लिंट के अनुसार, ब्रिटेन का ‘नेशनल ग्रेफीन इंस्टीट्यूट’ भारतीय ‘इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु’ के साथ मिलकर सेमीकंडक्टर पर शोध करेगा ।
भारतीय छात्रों को लगभग आधे व्यय में उच्च शिक्षा मिलेगी ! भारत में खोले जाने वाले इन विश्वविद्यालयों में भारतीय छात्रों को लगभग आधे व्यय में डिग्री मिल सकेगी । वर्तमान में ब्रिटेन में एक साल की पढ़ाई के लिए अंतरराष्ट्रीय छात्रों को २५ से ३० लाख भारतीय रुपये खर्च करने पडते हैं । भारतीय छात्रों के लिए यह शुल्क लगभग १५ लाख रुपये होगा। यह राशि भारत के किसी भी निजी विश्वविद्यालय की फीस के बराबर ही है। पहले वर्ष में १० हजार भारतीय छात्रों के नामांकन का लक्ष्य रखा गया है, यह जानकारी साउथम्पटन विश्वविद्यालय के प्रवक्ता ने दी ।
संपादकीय भूमिकापहले नालंदा और तक्षशिला विश्वविद्यालयों में दुनियाभर के छात्र पढ़ाई के लिए आते थे । भारत को स्वतंत्र हुए ७७ साल हो गए हैं, फिर भी उच्च गुणवत्ता की शिक्षा के लिए विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में शाखाएं खोलनी पड रही हैं, यह सभी पार्टियों की सरकारों की विफलता है ! |