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(‘सेमीकंडक्टर’ अर्थात अर्धसंवाहक । ‘सेमीकंडक्टर’ इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र एवं उपकरणों में एक महत्त्वपूर्ण सामग्री है, जबकि चिप अर्थात छोटी डिस्क)
नई देहली – प्रधानमंत्री मोदीजी ने प्रतिपादन करते हुए कहा, ‘‘भारत को ‘सेमीकंडक्टर पावरहाउस’ बनाने हेतु यथासंभव सभी कदम सरकार उठाएगी । सरकार देश में चिप उत्पाद करने की वृद्धि पर जोर दे रही है । हमारा सपना है कि विश्व के प्रत्येक उपकरण में भारतीय चिप होनी चाहिए ।’ ग्रेटर नोएडा में ‘सेमीकॉन इंडिया २०२४’ के सेमीकंडक्टर उद्योग से संबंधित कार्यक्रम का उद़्घाटन प्रधानमंत्री के करकमलों से हुआ । तब वे ऐसा बोल रहे थे ।
India’s semiconductor sector is on the brink of a revolution, with breakthrough advancements set to transform the industry. Addressing the SEMICON India 2024.https://t.co/nPa3g5lAO4
— Narendra Modi (@narendramodi) September 11, 2024
उन्होंने आगे कहा, ‘‘स्मार्टफोन, इलेक्ट्रॉनिक वाहन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आदि सभी के लिए सेमीकंडक्टर ही आधार है । भारत सेमीकंडक्टर उद्योग से संबंधित कार्यक्रम आयोजित करनेवाला विश्व का ८ वां देश है ।’’
⚛️”Every device in the world should have an Indian chip” – Narendra Modi
📌Prime Minister inaugurates ‘Semicon India’, aiming to make India a ‘Semiconductor Powerhouse’
📌60 lakh jobs to be created in this sector#NarendraModi #semiconductor #SemiconIndia2024 #SemiconIndia… pic.twitter.com/nUSkxqZNKo
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) September 12, 2024
इस क्षेत्र में ६० लाख नौकरियां निर्माण होंगी
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, ‘‘आज भारत का मंत्र ‘चिप उत्पाद बढाना’, है । सेमीकंडक्टर उत्पाद बढाने हेतु भारत सरकार ५० प्रतिशत आर्थिक सहायता दे रही है । इस क्षेत्र में बहुत ही अल्प समय में १.५ लाख करोड रुपयों का निवेश हुआ है । अनेक प्रकल्प कार्यान्वित होने के मार्ग पर हैं । टाटा समूह ताइवान की कंपनी के साथ, तो अदानी समूह महाराष्ट्र में इजराइली कंपनी के साथ ‘चिप प्लांट’ का निर्माण कर रहे हैं । ‘अमेरिकन मेमरी मेकर माइक्रोन टेक्नॉलॉजी’ गुजरात में कारखाने का निर्माण कर रहा है । ‘सीजी पावर’ गुजरात में ‘चिप पैकेजिंग प्लांट’ का निर्माण कर रहा है । सेमीकंडक्टर के ‘डिजाईनिंग’ में देश का योगदान २० प्रतिशत है । सेमीकंडक्टर की निर्मिति हेतु भारत ८५ सहस्र तकनीशियन, अभियंता एवं विशेषज्ञ तैयार कर रहा है । भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र १५० अरब डॉलर का है । दशक के अंत में इसे ५०० अरब डॉलर तक पहुंचाने का उद्देश्य है । इससे ६० लाख रोजगार निर्माण हो सकेंगे ।’’