नई देहली – शराब नीति घोटाले के प्रकरण में बंदी देहली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत २५ सितंबर तक बढ़ा दी गई। ११ सितंबर को हुई सुनवाई के समय केजरीवाल को ‘वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग’ के माध्यम से उपस्थित किया गया।
इसी प्रकरण में अदालत ने आरोपी तथा आम आदमी पार्टी के विधायक दुर्गेश पाठक की १ लाख रुपये के मुचलके पर जमानत स्वीकृत हो गई । पूरक आरोपपत्र दाखिल होने के बाद केंद्रीय अन्वेषण विभाग (CBI) के समन के अनुसार वे अदालत में प्रस्तुत हुए। CBI ने अरविंद केजरीवाल, दुर्गेश पाठक, विनोद चौहान, आशीष माथुर एवं सरथ रेड्डी के विरुद्ध राउज़ एवेन्यू न्यायालय में पूरक आरोपपत्र दाखिल किया था। ३ सितंबर को न्यायालय ने आरोपपत्र का संज्ञान लिया। न्यायालय ने सभी आरोपियों को ११ सितंबर तक न्यायालय में उपस्थित होकर बयान प्रविष्ट कराने का निर्देश दिया था। बयान प्रविष्ट होने के पश्चात, न्यायालय ने केजरीवाल की न्यायिक बंदी बढ़ा दी और दुर्गेश पाठक की जमानत स्वीकार कर दी।
केजरीवाल शराब नीति घोटाले के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक ! – CBI
इससे पहले CBI ने ३० जुलाई को चौथा पूरक आरोपपत्र दाखिल किया था, जिसमें केजरीवाल को आरोपी बनाया गया था। CBI ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल शराब नीति घोटाले के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक हैं। केजरीवाल पर मुकदमा चलाने के लिए CBI को २३ अगस्त को राउज़ एवेन्यू न्यायालय से स्वीकृति मिली थी। इस प्रकरण में CBI ने ७ सितंबर को राउज एवेन्यू न्यायालय में पांचवां एवं अंतिम आरोपपत्र प्रविष्ट किया।
संपादकीय भूमिकादेहली जैसे एक अत्यधिक महत्वपूर्ण राज्य का मुख्यमंत्री लगभग ६ महीने से जेल में है तथा फिर भी वह अब तक मुख्यमंत्री के पद पर बना हुआ है, यह लोकतंत्र की गंभीर विडंबना है। राज्य की जनता की समस्याओं को सुलझाने के लिए मुख्यमंत्री का अनुपलब्ध होना, इससे बड़ा लोकतंत्र का अपमान और क्या हो सकता है? केंद्र सरकार को दिल्ली सरकार को भंग कर वहां राष्ट्रपति शासन लागू करना चाहिए ! |