आसाम के मुस्लिम-बहुल ३ जिलों में जनसंख्या से अधिक आधार कार्ड
गुवाहाटी (असम) – असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने घोषणा की है कि ‘जिन्होंने वर्ष २०१५ में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) का हिस्सा बनने के लिए आवेदन नहीं किया, उन्हें सरकार आआधार कार्ड नहीं देगी।’
१. मुख्यमंत्री सरमा ने इसके लिए धुबरी, बारपेटा तथा मोरीगांव जिलों का उदाहरण दिया। इन जिलों में जनसंख्या से अधिक आधार कार्ड जारी किए गए हैं। ये जिले मुस्लिम-बहुल हैं।
२. मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि इन जिलों में संदिग्ध विदेशी व्यक्तियों ने भी आधार कार्ड बनवा लिए हैं। इसके कारण राज्य सरकार ने भविष्य में आधार कार्ड जारी करने के लिए एक मानक प्रक्रिया निर्धारित करने का निर्णय लिया है। इसके अंतर्गत आधार कार्ड चाहने वालों को एनआरसी आवेदन क्रमांक प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा, जो उन्हें वर्ष 2015 में आवेदन करते समय प्रदान किया गया था। किसी व्यक्ति का नाम एनआरसी में सम्मिलित है या नहीं, यह अलग प्रकरण है; किंतु वह आवेदक होना चाहिए। यदि आपने आवेदन नहीं किया है, तो इसका अर्थ है कि आप असम के नागरिक नहीं थे। इससे पहली दृष्टि में यह माना जा सकता है कि वह व्यक्ति वर्ष २०१४ के बाद असम में आया था।
संपादकीय भूमिकामुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा द्वारा असम में घुसपैठियों पर रोक लगाने के लिए विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं, जो सराहनीय हैं; किंतु घुसपैठ की समस्या इतनी गंभीर है कि अब उन्हें तुरंत बाहर निकालना आवश्यक हो गया है ! |