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जयपुर (राजस्थान) – सेना में कमांडो पदारूढ सेवारत रहे अरविंद पर एक पुलिस थाने में ५ पुलिसकर्मियों द्वारा अमानवीय मारपीट की गई । इस समय उनके कपडे उतारकर उन्हें कारागृह में बंद कर दिया गया । पुलिस ने उन पर लाठियां बरसाई तथा अपशब्द भी कहे । उन्हें अपराधियों में बिठाया गया तथा कहा गया कि पुलिस भारतीय सेना का बाप है ! यह घटना शहर के शिप्रा पथ पुलिस थाने में हुई है तथा कमांडो ने इस संबंध में सैनिककल्याण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठोड से परिवाद किया है । तदनंतर राठोड सीधे ही पुलिस थाने में पहुंचे एवं पुलिस उपायुक्त संजय शर्मा को फटकारा ।
१. राठोड ने स्वयं यह घटना प्रसारमाध्यमों को बताई है । वर्तमान में जम्मू-कश्मीर के बारामुल्ला में कमांडो अरविंद नियुक्त हैं । ११ अगस्त को कमांडो अरविंद अपने पहचान वाले सैनिक के विषय में एक प्रकरण की जानकारी लेने पुलिस थाने में पहुंचे थे । तब उपरोक्त घटना हुई ।
२. राठोड ने पुलिस को बहुत ही फटकारा । उन्होंने सैनिक पर की गई मारपीट के प्रमाण अपने चल-दूरभाष में दिखाए । तब पुलिस उपायुक्त संजय शर्मा ने युक्तिवाद करते हुए कहा, ‘कमांडो ने पुलिस को अपशब्द कहे ।’ तब संतप्त मंत्री राठोड ने अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, ‘मैं बात कर रहा हूं, तब तुम बीच में क्यों बोल रहे हो ? जब तुम से कहा जाएगा, तब उत्तर दें, अन्यथा सावधान रहें । यदि तुम यहां रुकना नहीं चाहते, तो अपने कार्यालय में जा सकते हो ।’
जो शक्तिशाली है, उसे अत्यंत संयम रखने की आवश्यकता होती है ! – मंत्री राठोड
मंत्री ने आगे कहा, ‘आपने मूलभूत शिष्टाचार नहीं सीखा है । क्या यदि देह पर पुलिस का गणवेश (वर्दी) हो, तो अलग ही रुबाब होता है ? तुम्हारे मन में कुछ सार्वजनिक सेवा चल रही है, अथवा बदमाशी ? उन्होंने (सैनिक ने) अपशब्द कहे अथवा नहीं, परंतु तुमने सेना के कमांडो को विवस्त्र कर उन पर लाठियां बरसाई अथवा नहीं, यह बताएं । जो शक्तिशाली है, उसे अत्यंत संयम रखने की आवश्यकता होती है । जब हम सेवारत थें, तब क्या लोगों ने हमें अपशब्द नहीं कहे ? हमने उनकी ओर कभी भी ध्यान नहीं दिया । कुछ अंतर नहीं पडता । जो बोल रहा है, उसे बोलने दीजिए । हम हमारे काम कर रहे थे ।’ राठोड सेना में मेजर पद पर कार्यरत थे, तब उन्होंने निवृत्ति (रिटायरमेंट) ली थी ।
गणवेश (वर्दी) पहनकर देश की रक्षा करनेवाले को धमकाना, यह कायरता है ! – मंत्री राठोड
इस समय राठोड ने प्रसारमाध्यमों से कहा, ‘यह अत्यंत दुःखद है । इससे घृणास्पद (घिनौनी) मानसिकता के दर्शन होते हैं । ऐसे लोग समाज के लिए संकटकारी हैं । वर्दी पहनकर देश की रक्षा करनेवालों को धमकाना, यह कायरता है ! मैंने पुलिस महासंचालक एवं पुलिस आयुक्त से बात की है । संबंधितों पर आगे की कार्यवाही की जाएगी ।’
संपादकीय भूमिकाजो पुलिस एक सैनिक से इस प्रकार वर्तन करती हैं, वे सामान्य जनता से किस प्रकार व्यवहार करती होंगी, यदि इसका विचार न करें, तो ही अच्छा ! संबंधित पोलीस अधिकारी एवं कर्मचारी पर कठोर कार्यवाही होनी ही चाहिए ! |