रेलवे में यात्री को मांग के अनुसार शाकाहार के बजाय मांसाहार दिए जाने की घटना सामने आई है।

  • मांसाहार एक मुस्लिम उपाहारगृह (भोजनालय) से भेजा गया था।

  • रेलवे ने कार्यवाही करने के बजाय केवल चेतावनी दी है। 

नई दिल्ली – नई दिल्ली रेलवे जंक्शन पर खड़ी ट्रेन में एक हिंदू यात्री की धार्मिक भावनाओं को आहत करने की घटना सामने आई है। पल्लव सिंह नामक यात्री ने श्रावण मास चलने के कारण शाकाहारी स्पेशल थाली ऑनलाइन ऑर्डर दी थी; लेकिन उसे ‘शाकाहारी स्पेशल थाली’ का स्टीकर लगे डिब्बे में मांसाहार दिया गया। इसके बाद इस यात्री ने रेलवे के पास ऑनलाइन आपत्ति प्रविष्ट कराई है। इस प्रकरण में उपहारगृह के मालिक का नाम फैज है, जबकि भोजन पहुंचाने वाले व्यक्ति का नाम शहाबुद्दीन कुरैशी है। इस यात्री ने कहा, ‘रेलवे ने इन दोनों पर कोई कार्यवाही नहीं की, अपितु उन्हें केवल चेतावनी दी है।’

भारतीय रेलवे ने बताया कि खाद्य पदार्थ में हुई गड़बड़ी के लिए पूरी राशि वापस कर दी गई है तथा उचित कार्यवाही की गई है ! विक्रेताओं को भोजन की पैकिंग करते समय अधिक सावधानी बरतने एवं भविष्य में ऐसी त्रुटि होने पर कठोर कार्रवाई की जाने की चेतावनी दी!

हिंदुओं को शाकाहार के बजाय मांसाहार दिए जाने की कुछ घटनाएं:

१. ४ अगस्त २०२४ को हरिद्वार से कांधला मार्ग होते हुए गंगाजल लेकर दिल्ली लौट रहे यात्रियों को एक उपाहारगृह में शाकाहार के बजाय मांसाहारी बिरयानी दी गई। इस मामले में तनवीर नामक आरोपी को पकड़कर पुलिस के हवाले किया गया।

२. अप्रैल २०२२४ में गुजरात पुलिस ने वडोदरा स्थित समोसा दुकान ‘हुसेनी समोसा सेंटर’ पर छापा मारा और गोमांस भरे समोसे बेचने के आरोप में सेंटर के मालिक युसूफ और नईम शेख सहित 6 लोगों को बंदी बनाया गया!

३. पुणे स्थित टाटा मोटर्स की कैंटीन में निरोध, पत्थर और तंबाकू से भरे समोसे पाए गए। इस मामले में पुलिस ने रहीम शेख, अझर शेख, मजार शेख, अझर शेख और विकी शेख के विरुद्ध मामला प्रविष्ट किया।

४. जनवरी २०२४ में जैन समाज के एक शाकाहारी यात्री को एयर इंडिया के विमान में शाकाहारी भोजन में चिकन के टुकड़े दिए गए। क्रोधित महिला ने कर्मचारियों से आपत्ति की; किंतु इस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई।

५. जुलाई २०२२ में दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय की कैंटीन में एक शाकाहारी छात्र को मांसाहारी सैंडविच दिया गया। जब उसने कैंटीन कर्मचारियों से आपत्ति की, तो छात्र के साथ धक्का-मुक्की की गई।

६. दिसंबर २०१८ में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में मांसाहारी भोजन तैयार करने के लिए प्रयोग किए गए तेल में पकाया गया शाकाहारी भोजन परोसने का आरोप लगाया गया था।

संपादकीय भूमिका

रेलवे में इस तरह की घटनाओं के होने पर रेलवे कार्यवही क्यों नहीं करती? क्या रेलवे के अधिकारियों की आरोपियों से साठगांठ होती है?