Monkeypox Delhi : देहली के रोगी की ‘मंकीपॉक्स’ प्रभावित होने की बात स्पष्ट !

  • रोगी एकांत में !

  • केंद्र द्वारा राज्यों को सूचना !

नई देहली – देश में ‘मंकीपॉक्स’ का पहला रोगी पाये जाने के उपरांत केंद्र सरकार ने सभी राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेशों को संदिग्ध रोगियों की आपातकालीन जांच करने का आदेश ९ सितंबर को दिया है । इस विषय में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मार्गदर्शक सूचनाएं प्रसारित की हैं । ८ सितंबर को देहली में पाये गये रोगी की ‘मंकीपॉक्स’ प्रभावित होने की बात स्पष्ट हुई है । उसे एकांतवास में रखा गया है ।

क्या ‘संदिग्ध व्यक्ति, साथ ही पुष्टि हुए रोगियों के लिए एकांतवास की सुविधाएं उपलब्ध हैं ’, इसकी जांच करने के निर्देश केंद्र सरकार ने दिए हैं । ९ सितंबर को राज्य सरकारें एवं केंद्रशासित प्रदेशों को भेजे गए पत्रों में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने कहा है, ‘नागरिकों में अनावश्यक भय का निर्माण न हो, इसकी सावधानी लेनी पडेगी ।’ चंद्रा ने आगे स्पष्ट करते हुए कहा कि भारत में ‘मंकीपॉक्स’ का कोई भी नया रोगी पाया नहीं गया है तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय परिस्थिति पर बारीकियों से ध्यान दे रहा है । उन्होंने राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेशों को सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारी का ब्योरा, साथ ही चिकित्सालयों में एकांतवास की सुविधाओं के लिए आवश्यक सामग्री एवं प्रशिक्षित मानवी संसाधन की उपलब्धता सुनिश्‍चित करने को कहा है । राज्य एवं जिला स्तर पर ‘एकात्मिक रोग सर्वेक्षण कार्यक्रम’ के अंतर्गत संबंधित सर्वेक्षण दलों को इस ओर ध्यान केंद्रित करने को कहा गया है ।

८ सितंबर को पाए गए संदिग्ध रोगी की जांच का ब्योरा ९ सितंबर को मिला है । केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि हाल ही में ‘मंकीपॉक्स’ का संक्रमण हुए देश से वापस आए इस व्यक्ति में ‘वेस्ट अफ्रिकन क्लैड -२’ नामक वाइरस का संक्रमण होने की बात स्पष्ट हुई है; परंतु वैश्विक स्वास्थ्य संगठन द्वारा ‘संक्रमण’ के रूप में घोषित किया हुआ ‘क्लैड -२’ वाइरस नहीं पाया गया ।

केंद्र सरकार द्वारा सभी राज्यों को प्रसारित की हुई महत्त्वपूर्ण सूचनाएं

१. सार्वजनिक स्वास्थ्य तकनीकियों की तैयारियां जांचें ।

२. ‘मंकीपॉक्स’ रोग के विषय में जनजागृति करें ।

३. चिकित्सालयों में एकांतवास के कक्षों का ब्योरा लें ।

४. रोगियों के सुरक्षित परिवहन हेतु तैयार रहें ।

५. स्वास्थ्य कर्मचारियों को उचित ढंग से प्रशिक्षित करें । जिला स्तर पर तैयारी का ब्योरा लें ।