प्रधानमंत्री मोदी की कारगिल से चेतावनी !
कारगिल (लद्दाख) – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह चेतावनी देते हुए कहा कि मैं आतंकवादियों को यह बताना चाहता हूं कि उनके ‘नापाक’ मंसूबे कभी भी सफल नहीं होंगे। कारगिल युद्ध के २५ वें विजय दिवस के निमित्त यहां आयोजित कार्यक्रम में पाकप्रायोजित आतंकियों को चेतावनी देते हुए प्रधानमंत्री ने यह चेतावनी दी।
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा रखे गए सूत्र
१. ‘कारगिल विजय दिवस’ हमें यह संदेश देता है कि राष्ट्र के लिए बलिदान देनेवाले अमर हो जाते हैं। दिन, महिने, वर्ष तथा शताब्दियां गुजर जाती हैं, परिस्थिति में परिवर्तन आता है; परंतु राष्ट्र की सुरक्षा हेतु अपने प्राणों की बाजी लगानेवालों के नाम सदैव अमर हो जाते हैं। यह देश सेना के पराक्रमी महानायकों का सदैव ऋणी रहेगा। यह देश उनके प्रति कृतज्ञ है।
२. कारगिल में हमने केवल युद्ध ही नहीं जीता था, अपितु हमने विश्व के सामने सत्य, संयम एवं सामर्थ्य का एक अद्भूत उदाहरण रखा था।
३. आपको यह ज्ञात होगा कि उस समय भारत शांति के लिए प्रयास कर रहा था। उसके बदले में पाकिस्तान ने पुनः एक बार अपना अविश्सनीय चेहरा दिखाया; परंतु ऐसा होते हुए भी पाकिस्तान ने इतिहास से कभी भी पाठ नहीं लिया। आज मैं एक ऐसे स्थान से बोल रहा हूं, जहां से आतंकियों को मेरी आवाज स्पष्टता से सुनाई दे रही है। मैं उन्हें यह बताना चाहता हूं कि उनके नापाक मंसुबे कभी भी सफल नहीं होंगे।
‘अग्निवीर’ योजना के संबंध में कुछ लोग देश के युवकों में दिशाभ्रम फैला रहे हैं !
प्रधानमंत्री मोदी ने सैनिकों के लिए बनाई गई ‘अग्निवीर’ योजना के विषय में कहा कि क्या आज भर्ती हुए व्यक्ति को आज ही पेंशन देनी पडेगी ? ३० वर्ष के उपरांत पेंशन देनी पडेगी, उस समय मोदी की आयु १०५ वर्ष होगी। क्या उस समय देश में मोदी की ही सरकार होगी ? सरकार पेंशन के पैसे बचाने के लिए यह योजना ले आई है, यह अवधारणा फैलाई गई है। कुछ लोग देश के युवकों में दिशाभ्रम फैलाने का काम कर रहे हैं।
‘शिंकुन ला टनल’ परियोजन का उद्घाटन
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने शिंकुन ला सुरंग परियोजन का उद्घाटन किया। इस परियोजना में ४.१ कि.मी. लंबाई की सुरंग बनाई गई है। जब मौसम खराब होता है, उस समय लेह से अन्य भागों का संपर्क टूट जाता है। इस सुरंग के कारण मौसम के खराब होने पर भी लेह से संपर्क बनाए रखने में सहायता मिलेगी। यह विश्व की सबसे ऊंची सुरंग होगी।
क्या है कारगिल युद्ध ?
२६ जुलाई १९९९ को भारतीय सैनिकों ने कारगिल युद्ध में पाकिस्तान को पराजित कर ‘टाइगर हिल’पर तिरंगा फहराया। ८४ दिन तक चले इस युद्ध में भारतीय सेना के ५२७ सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए, जबकि १ सहस्र ३६३ सैनिक घायल हुए। इसमें पाकिस्तान के ४०० से अधिक सैनिक मारे गए। उस समय पाकिस्तानी सेना एवं आतंकियों ने भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की थी, उन्हें खदेडने हेतु यह युद्ध हुआ था।