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रायपुर- पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठियों के विषय में चर्चा की है। मरांडी ने यह भी दावा किया है कि झारखंड को ‘छोटा बांग्लादेश’ बनाने का षड्यंत्र चल रहा है। उन्होंने बांग्लादेशी घुसपैठ की गंभीरता को समझने के लिए झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा दिये गये वक्तव्य को दोहराया। कुछ दिन पूर्व झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य के संथाल परगना क्षेत्र में ‘लैंड जिहाद’ के विरोध मे प्रविष्ट जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए इस मुद्दे पर चिंता जताई थी। कोर्ट ने राज्य सरकार को बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान कर उनके प्रत्यर्पण के लिए कार्ययोजना बनाने और 2 सप्ताह के अंदर इस मामले में प्रतिज्ञापत्र प्रविष्ट करने का आदेश दिया। मरांडी ने बांग्लादेशी घुसपैठ की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (‘एनआईए’ के माध्यम से) से कराने की मांग की।
झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठियों को मिल रहा है आर्थिक लाभ !
झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठियों के बढ़ते प्रभाव का असर आदिवासी समुदाय पर पड़ रहा है।अवैध मदरसों की संख्या बढ़ती जा रही है। कट्टरपंथी युवक आदिवासी लड़कियों को फसाकर विवाह कर लेते है। बाद में इन युवतियों को पंचायत चुनाव में उम्मीदवारी दी जाती है। ऐसे कई मामले सामने आ चुके है। परिवार में जन प्रतिनिधि का पद पाने के बाद ये कट्टरपंथी नशे के पदार्थ का व्यवसाय भी करते है। इसके साथ ही अन्य घुसपैठिए बंधूओंको सरकारी प्रपत्र बनाने के लिये और सरकारी लाभ मिलने के लिये प्रयास करते है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस की गठबंधन सरकार पर गंभीर आरोप
सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस गठबंधन सरकार बांग्लादेशी घुसपैठियों को संरक्षण देती है। उनको बनावटी सरकारी प्रपत्र बनवाकर झारखंड में बसाया जाता है ऐसा आरोप बाबूलाल मरांडी ने लगाया है। मरांडी ने कहा, इसलिए यह उम्मीद करना गलत है कि यह सरकार बांग्लादेशी घुसपैठियों के विरोध मे कार्यवाही करेगी।
झारखंड के स्कूलों में पढ़ाए जाते हैं बांग्लादेश और पाकिस्तान के राष्ट्रगान !मरांडी ने सोशल मीडिया पर 4 साल पहले झारखंड के एक स्कूल में हुई एक घटना की जानकारी दी है। राज्य के ‘नंदलाल स्मृति विद्या मंदिर’ नामक स्कूल में छात्रों को भारत का नहीं, बल्कि पाकिस्तान और बांग्लादेश का राष्ट्रगान सुनाने का होमवर्क दिया गया था। मरांडी ने कहा, “यह कोई संयोग नहीं बल्कि झारखंड की आदिवासी पहचान को मिटाने का एक खतरनाक षडयंत्र है।” उन्होंने यह भी कहा कि देश विरोधी गतिविधियों में शामिल इस स्कूल को चलाने और फंडिंग करने वाले गिरोह की गहन जांच की जरूरत है। माता-पिता ने कहा कि वे अपने बच्चों को पाकिस्तान और बांग्लादेश के राष्ट्रगान गाने की अनुमति नहीं देंगे। अभिभावकों के विरोध के बाद स्कूल प्रबंधन को यह काम वापस लेना पड़ा। |
संपादकीय भूमिकावास्तव में, बीजेपी के पूर्व मुख्यमंत्री को ऐसी मांग करने की स्थिति नहीं आनी चाहिए। बांग्लादेशी घुसपैठ एक राष्ट्रीय समस्या है यदि इन घुसपैठियों को अभी बाहर नहीं निकाला गया तो भारत को पुनः विभाजित होने में समय नहीं लगेगी ! |