१५ दिन में १०वीं घटना
सारण (बिहार) : गंडकी नदी पर बना पुल ४ जुलाई की प्रातः ढह गया। ग्रामीणों का कहना है कि इस पुल का निर्माण १५ साल पहले स्थानीय लोगों ने निजी धन से किया था। पुल ढहने के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। पिछले एक पखवाड़े में राज्य में पुल ढहने की यह १०वीं घटना है। पिछले २४ घंटों में सारण में पुल ढहने की यह तीसरी घटना है। ३ जुलाई को सारण जिले के जनता बाजार क्षेत्र एवं लाहलादपुर क्षेत्र में दो छोटे पुल ढह गए थे। जिला मजिस्ट्रेट अमन समीर ने कहा कि बार-बार पुल ढहने के कारणों का पता लगाने के लिए उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया गया है।
सर्वोच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें बिहार सरकार को पुलों के निर्माण का संरचनात्मक ऑडिट करने का निर्देश देने की मांग की गई है।अधिवक्ता ब्रजेश सिंह द्वारा दायर जनहित याचिका में एक उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति गठित करने तथा केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के नियमों के अनुसार पुलों का निरक्षण कराने का अनुरोध किया गया है।
संपादकीय भूमिकाभारतीयों और सर्वदलीय शासकों के लिए लज्जासपाद है कि अंग्रेजों द्वारा बनाए गए पुल १०० साल बाद भी अच्छी स्थिति में हैं, जबकि स्वतंत्रता के पश्चात बने पुल १० साल भी नहीं टिकते! |