वैश्विक हिंदू राष्ट्र महोत्सव के पहले दिन का पहला सत्र
रामनाथी देवस्थान – सनातन धर्म शब्दप्रमाण्य पर आधारित है; परंतु प्रत्यक्ष अनुपात भी महत्त्वपूर्ण है । हमारे ऋषि-मुनियों ने प्रत्यक्ष अनुभव किया, उसी को उन्होंने शब्दबद्ध किया । अत: हमें समझना चाहिए कि हमारा शब्दप्रमाण ऋषियों का प्रत्यक्ष माप है । हमें इस शब्दप्रमाण का प्रत्यक्ष अनुभव करने का प्रयास करना चाहिए । वर्तमान समय में यद्यपि यूरोप में विज्ञान की उन्नति हो चुकी है, परन्तु विदेशों में यह ज्ञान भारत से ही पहुँचाया गया है । अमेरिका में इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड साइंसेज में कार्यरत डॉ. नीलेश ओक ने कहा कि पश्चिमी लोगों ने भारत के समृद्ध ग्रंथों का अनुवाद करके ही विज्ञान के क्षेत्र में प्रगति की है । वे ‘विश्वगुरु भारत की बलस्थान : सनातन हिन्दू धर्म’ विषय पर बोल रहे थे ।
We must be proud that Rig Veda is at-least 25000 year old, based on various evidences in scriptures and its cross references in Modern Science.
🎤 @NileshOak Author, Researcher, TEDx speaker, Institute of Advanced Sciences, AmericaVaishvik Hindu Rashtra Mahotsav I Goa… pic.twitter.com/5a3rm6d5vD
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) June 24, 2024
उन्होंने आगे कहा कि रामायण और महाभारत में सैकडों खगोलीय संदर्भ हैं । इससे स्पष्ट है कि महाभारत युद्ध 7 हजार 585 वर्ष पूर्व हुआ था, जबकि रामायण 12 हजार 296 वर्ष पूर्व हुआ था । अमेरिका, कनाडा के 500-600 विश्वविद्यालयों में रामायण और महाभारत की अनेक प्रतियां हैं । वहां के लोग उनका अध्ययन करते हैं । जहां विश्वास उचित है, हम संदेह व्यक्त करते हैं, और जहां संदेह उचित है, हम विश्वास करते हैं । हमें बुद्धि के लिए सत्य, शरीर के लिए सेवा और मन के लिए संयम को अपनाना चाहिए ।