नई देहली – यहां के लाल किले के स्थान पर तैनात सुरक्षाबलों पर २२ दिसंबर २००० को जिहादी आतंकियों ने गोलीबारी की थी, जिसमें ३ सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए थे । इस प्रकरण में पाकिस्तानी नागरिक लष्कर-ए-तैय्यबा के आतंकी मोहम्मद आरिफ उपाख्य अशफाक को गिरफ्तार किया गया था । आरिफ इस प्रकरण में अन्य आतंकियों के साथ षड्यंत्र रचने के आरोप में दोषी पाया गया था । न्यायालय ने अक्टूबर २००५ में फांसी का दंड सुनाया । उसके उपरांत किए गए अपीलों में देहली उच्च न्यायालय तथा सर्वोच्च न्यायालय ने इस निर्णय को सही माना था । न्यायालय के इस निर्णय के उपरांत आतंकी आरिफ ने राष्ट्रपति से दया का आवेदन किया था ।
संपादकीय भूमिकाराष्ट्रपति का अभिनंदनीय ! ऐसे लोगों को किसी प्रकार की दया दिखाने की आवश्यकता नहीं है ! |