पितृदोष निवारण हेतु उपासना करने के लाभ
लगातार ५ वर्ष घर में पूर्वजों के लिए श्राद्ध न किया हो, तो नारायण-नागबलि, त्रिपिंडी (तीन पीढियों का श्राद्ध विधि) तथा तीर्थश्राद्ध करने पर पितृदोषों की शांति होकर पितृगणों के शुभ आशीर्वाद एवं पुण्य प्राप्त होते हैं ।