तालिबान को सहायता करने वाले पाक को इसका परिणाम जल्द ही भोगना पडेगा ! – ईरान के पूर्व राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद
अफगानिस्तान की स्थिति सुधारने के लिए भारत और ईरान को एकत्र आने की आवश्यकता
अफगानिस्तान की स्थिति सुधारने के लिए भारत और ईरान को एकत्र आने की आवश्यकता
पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियों को स्थाई रूप से रोकने हेतु पाकिस्तान को नष्ट करना अनिवार्य है ; यह बात भारत को जब समझ में आएगी, वह शुभ दिन सिद्ध होगा !
क्योंकि, पाकिस्तान एक निर्लज्ज देश है, इसे कितने भी शब्दों से फटकारा, तो भी उसका उस पर कोई प्रभाव नहीं पडेगा ! उसे स्थायी रूप में नष्ट करना ही उचित है !
इससे तालिबान का पाकिस्तान के प्रति प्रेम अधिक स्पष्ट होता है ! ध्यान दें, कि तालिबान की सहायता करने वाले पाकिस्तान के विरुद्ध विश्व का कोई भी देश मुंह नहीं खोलता है !
अफगानिस्तान के पंजशीर प्रांत पर नियंत्रण प्राप्त करने में पाकिस्तान द्वारा तालिबान की सहायता करने के लिए एक ड्रोन आक्रमण ने उनके गठबंधन को मुहर-बंद (सील) कर दिया है । इस पृष्ठभूमि पर डगलस लंदन बोल रहे थे ।
इन देशों ने इसके पूर्व ही तालिबान से संपर्क स्थापित किया है । रूस, चीन, पाकिस्तान एवं तुर्कस्तान ने अफगानिस्तान में स्थित अपने दूतावास बंद नहीं किए हैं ।
“तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान” ने ली जिम्मेदारी !
ऐसा आरोप लगाकर तालिबान और पाकिस्तान पर कुछ परिणाम नहीं होता और होगा भी नहीं ! उसकी अपेक्षा पाकिस्तान को नष्ट करने के लिए भारत ने कुछ प्रयास किए, तो वह उचित रहेगा !
तालिबान की मानसिकता, उसका इतिहास और पाक के बहकाने वाले कथनों पर कौन विश्वास करेगा ? स्वयं के पिता और भाई को जान से मारने की मुगलाई मानसिकता वाले जिहादियों पर विश्वास करने की मूर्खता भारत कभी भी नहीं करेगा !
अभीतक तालिबान जो नकार रहा था, वही पाक के मंत्री द्वारा सार्वजनिक रूप से बताने पर तालिबान इस पर क्या उत्तर देगा ? इस समर्थन के कारण अब विश्व समुदाय द्वारा पाक को ‘आतंकवादी देश’ घोषित करना आवश्यक है !