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नई देहली – भारत में हो रहे लोकसभा चुनावों की पृष्ठभूमि पर पाश्चात्त्य प्रसारमाध्यम इस प्रयत्न में पूर्णतः उलझे हुए हैं कि भारतीय मतदाता प्रधानमंत्री मोदी की सरकार का विरोध करें । पाश्चात्त्य प्रसारमाध्यमों में निरंतर ऐसे लेख प्रकाशित हो रहे है, जिन में दावा किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिन्दू कट्टरतावादी हैं और उनके तीसरे कार्यकाल के कारण भारत ‘हिन्दू राष्ट्र’ बनेगा । भारतविरोधी और हिन्दूविरोधी प्रचार करने के लिए ये प्रसारमाध्यम निरंतर झूठ बोल रहे हैं । अमेरिका का प्रसारमाध्यम ‘सी.एन्.एन्.’ ने ‘प्रधानमंत्री मोदी की भाजपा ने धर्मनिरपेक्ष भारत को ‘हिन्दू राष्ट्र’ में परिवर्तित किया’, ऐसा आरोप करनेवाला एक लेख प्रकाशित किया है ।
१ मई २०२४ को ‘Rising Hindu Nationalism leaves Muslim fearful in Indias holy city’ (हिन्दू राष्ट्रवाद के उदय से भारत के पवित्र शहर के (वाराणसी के) मुसलमानों में भय !) इस शीर्षक में यह लेख प्रकाशित किया है । इस लेख के शीर्षक से ही दिखाई दे रहा है कि मानो वाराणसी के मुसलमानों को प्रधानमंत्री मोदी के यहां से तीसरी बार चुनाव जीतने से भय लगने लगा है ।
🛑 Prime Minister Modi’s BJP is transforming a secular India into a ‘Hindu Rashtra’.
– US media, The CNN’s Anti-Hindu article.👉 The article further alleges:
📌 A wave of fear amongst Mu$|!m$, due to the rise of Hindu nationalism in Modi’s constituency (Varanasi).
📌 ‘Hindus… pic.twitter.com/iFPNwgTNHR
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) May 2, 2024
(और इनकी सुनिए…) ‘मुसलमानों को लक्ष्य करने के लिए हिन्दुओं को उच्च पदों पर नियुक्त किया जा रहा है !’
ऐश्वर्या एस्. अय्यर, रिया मोगल, कुणाल सेहगल और विल रिप्ले द्वारा लिखित यह लेख इस सूत्र पर आधारित है कि, ‘प्रधानमंत्री मोदी के भारत में सरकारी संस्थाओं में उच्च पदों पर हिन्दू राष्ट्रवादी नियुक्त किए जा रहे हैं ।’ इसमें यद्यपि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उल्लेख स्पष्टरुप से नहीं किया गया है, तथापि यह स्पष्टरुप से कहा है कि मुसलमानों को लक्ष्य करने के लिए हिन्दुओं को उच्च पदों पर नियुक्त किया जा रहा है ।
(और इनकी सुनिए…) ‘ज्ञानवापी पर हिन्दुओं ने किया दावा प्रमाणों पर आधारित नहीं !’
ज्ञानवापी पर हिन्दुओं ने किया दावा लोगों के विश्वास पर आधारित है, वास्तविक प्रमाणों पर नहीं, ऐसा इस लेख में कहा है । इसमें एक मुसलमान का वक्तव्य दिया है, जिसमें वह कहता है कि अब उसका न्यायव्यवस्था और पुलिस पर विश्वास नहीं रहा है ।
अयोध्या के श्रीराम मंदिर संबंधी लेख में कहा है कि श्रीराम मंदिर के निर्माण से देश की धर्मनिरपेक्षता की हानि हुई है ।
धारा ३७० और नागरिकता संशोधन कानून का उल्लेख !
सी.एन्.एन् के लेख में जम्मु-कश्मीर से धारा ३७० हटाने के संदर्भ में भी चर्चा की गई है । मोदी सरकार ने भारत के एकमात्र मुसलमान बहुसंख्यक राज्य की संप्रभुता छीन ली, ऐसा दावा इसमें किया है; परंतु वहीं पर वहां के जिहादी आतंकवाद तथा सरकार ने किए विकास के बारे में कोई उल्लेख नहीं किया गया है । नागरिकता संशोधन कानून का भी इसमें उल्लेख किया है । इस कानून को मुसलमानविरोधी दिखाने का प्रयत्न किया गया है । कहा गया है कि, ‘यह कानून मुसलमानों को नागरिकता से अलग कर देता है ।’
वर्ष २०२० के देहली में हुए हिन्दूविरोधी दंगे का भी इसमें उल्लेख है; परंतु उसे मुसलमानविरोधी दंगा कहा गया है । इसमें हिन्दुओं द्वारा नासीर अली की आंख में गोली चलाने का आरोप किया गया है । वहीं गुप्तचर अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या के संदर्भ में इस लेख में कोई उल्लेख नहीं है ।
संपादकीय भूमिका
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