अमेरिकी सेना की अफगानिस्तान से वापसी और भारत की सुरक्षा !
अमेरिका की अफगानिस्तान से वापसी के उपरांत पाकिस्तान द्वारा भारत में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने की संभावना होने से भारत की समस्याओं में वृद्धि होना
अमेरिका की अफगानिस्तान से वापसी के उपरांत पाकिस्तान द्वारा भारत में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने की संभावना होने से भारत की समस्याओं में वृद्धि होना
इस आक्रमण में कुछ वाहनों को हानि पहुंची । अबतक किसी भी आतंकी संगठन ने इस आक्रमण का दायित्व नहीं लिया है ।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चेतावनी दी है, कि आतंकवादी शीघ्र ही काबुल हवाई अड्डे पर पुनः आक्रमण कर सकते हैं ।
अफगानिस्तान में स्थित इस्लामिक स्टेट खुरासान के अड्डे पर ड्रोन आक्रमण ; मुख्य सूत्रधार सहित अनेक आतंकी मारे गए !
संतप्त चीन ने की अमेरिका की आलोचना !
अमेरिका ने अफगानिस्तान में जो भी कुछ किया, वह समर्थनीय नहीं है; परंतु तालिबान भी जो आतंकी गतिविधियां चला रहा है, उनका भी समर्थन नहीं किया जा सकता ।
यहां के हवाई अड्डे पर अफगानों के साथ-साथ विदेशियों की भी भीड हुई है । इस भीड पर इस्लामिक स्टेट द्वारा आत्मघाती आक्रमण होने की संभावना अमेरिका, ब्रिटेन एवं ऑस्ट्रेलिया इन देशों ने व्यक्त की है ।
‘भारत में भी तो ऐसा नहीं हुआ ?’ यह भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने जांचना आवश्क !
दूसरी ओर, अफगानिस्तान की सहायता करने की भूमिका चीन ने प्रस्तुत की है । तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर नियंत्रण करने के पश्चात अमेरिका के बैंकों में होने वाले अफगान सरकार के खाते बंद कर दिए गए हैं ।
भारतीय सेना के पास वह करने की क्षमता है, जो अमेरिका नहीं कर पाया है ; परंतु, भारतीय सेना पर विश्वास न रखने वाली महबूबा मुफ्ती इस प्रकार के वक्तव्य करेंगी ही ! इसलिए, केंद्र सरकार को उन्हें नजरबंद नहीं, अपितु कारावास में डालना चाहिए !