सप्तर्षियों का ५.७.२०२० को गुरुपूर्णिमा के (व्यासपूर्णिमा के) उपलक्ष्य में साधकों के लिए संदेश !
गुरुकृपा अर्थात गुरु की छत्रछाया ! यह छत्रछाया साधकों के लिए एक प्रकार का रक्षाकवच है । साधकों का गुरुदेवजी की छत्रछाया में रहना अत्यंत महत्त्वपूर्ण है । गुरुदेव ने अब अपने दोनों आध्यात्मिक उत्तराधिकारियों को अपनी शक्ति दी है ।