- शत्रुराष्ट्रों के राष्ट्रगीत कंठस्थ करने के लिए कहनेवालों पर कार्यवाही होनी चाहिए !
- शत्रुराष्ट्रों का उदात्तीकरण करनेवाले विद्यालयों की मान्यता सरकार क्यों नहीं रद्द करती ?
घाटशिला (झारखंड) – यहां के संत नंदलाल स्मृति विद्या मंदिर विद्यालय के छोटे और बडे शिशु वर्ग के बच्चों के लिए अलग-अलग समूह बनाकर भारत सहित पाकिस्तान और बांग्लादेश के राष्ट्रगीत कंठस्थ करने के लिए बताया गया था । इस बात पर बच्चों के अभिभावकों ने आपत्ति की और विद्यालय के व्यवस्थापन से कहा, ‘पाक और बांग्लादेश के राष्ट्रगीत न सिखाएं ।’ तदुपरांत यह निर्णय रद्द हुआ । अभिभावकों और समाज के राष्ट्रप्रेमियों संबंधित लोगों पर कार्यवाही करने की भी मांग की गई है ।
वर्तमान में कोरोना के कारण विद्यालय बंद होने से ‘ऑनलाईन’ पढाई चल रही है । इसके लिए ‘वॉॅट्सएप’ पर समूह बनाए गए हैं । शैला परवीन नामक शिक्षिका ने इन बच्चों को ये राष्ट्रगीत कंठस्थ करने के लिए कहा था । इसलिए ये दो राष्ट्रगीत ‘वॉट्सएप’ समूह में भेजे गए थे ।
(कहती हैं) ‘बच्चों का सामान्य ज्ञान बढाने का उद्देश्य था !’ – शिक्षिका शैला परवीन
इस विषय में शैला परवीन ने कहा, ‘विद्यालय-व्यवस्थापन के कहने के पश्चात ही बच्चों को ये राष्ट्रगीत कंठस्थ करने के लिए कहा था । बच्चों का सामान्य ज्ञान बढे, यह उद्देश्य था । (सामान्य ज्ञान बढाने के लिए देश में अनेक विषय हैं और इस आयुवर्ग के बच्चों को इतनी समझ है क्या ? – संपादक)
(कहते हैं) ‘शिकायत आने पर कार्यवाही करेंगे !’ – जिला शिक्षाधिकारी
‘‘शिकायत आने पर कार्यवाही करेंगे’, ऐसा कहनेवालों के विरुद्ध भी शिकायत की जानी चाहिए !
जिला शिक्षाधिकारी शिवेंद्र कुमार ने कहा, ‘‘हमारे पास इस संबंध में कोई शिकायत नहीं आई है । यदि विद्यालय बच्चों को ऐसा पढा रहा है, तो वह गलत है । भारत के बच्चों को पाक और बांग्लादेश के राष्ट्रगीत नहीं सिखा सकते । ऐसा करनेवालों के प्रति कार्यवाही की जाएगी ।’
राष्ट्रप्रेमियों की प्रखर विरोध की जीत !झारखंड के नंदलाल स्मृति विद्या मंदिर द्वारा
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