भारतीय सेना की ऒर से ८९ एप पर प्रतिबंध लगाने के निर्णय को न्यायालय में चुनौती देनेवाले सेना के अधिकारी को न्यायालाय ने फटकार लगार्इ !
- सेना के अधिकारी द्वारा सेना के अनुशासन के विरोध में न्यायालय की शरण में आना ही मूलत: अयोग्य होने के कारण अब सेना को ही अनुशासन का उल्लंघन करनेवाले पर उचित निर्णय लेना हाेगा !
- फेसबुक का उपयोग करना यदि व्यक्तिगत जीवन से संबंधित तत्त्व है, तो सेना द्वारा उसपर प्रतिबंध लगाना राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित है तथा ´राष्ट्रीय सुरक्षा´ सैनिक का सर्वप्रथम दायित्व है । अत: किसी सेना के अधिकारी द्वारा एेसे विषय में न्यायालाय से न्यायदान की अपेक्षा करना अनाकलनीय है !
नर्इ दिल्ली – ´आपको फेसबुक ही पसंद है, तो आप सेना की नौकरी का त्याग कर दें ।´ अब निर्णय आपको लेना है । सेना में साेशल मीडिया के मंचों का प्रयोग करने पर मनाही है । यह निर्णय देश की सुरक्षा काे देखते हुए लिया गया है । आपको फेसबुक का खाता बंद करना होगा ।´ इन शब्दों में देहली उच्च न्यायालय ने लेफ्टनंट कर्नल पी.के. चौधरी को फटकारते हुए कहा । लेफ्टनंट कर्नल पी.के. चौधरी ने फेसबुक खाते का उपयोग जारी रखने की अनुमति मांगी थी ।´ उन्हाेंने न्यायालय में कहा था कि ‘फेसबुक का खाता बंद करने के उपरांत मित्रों से उनका संपर्क नहीं हो सकेगा ।’´ भारतीय सेना की ऒर से ८९ ‘एप’ पर प्रतिबंध लगाया गया है । इस निर्णय काे श्री. चौधरी ने न्यायालय में चुनाैती दी है । इस प्रकरण की अगली सुनवार्इ २१ जुलार्इ को होनेवाली है ।