साधको, नियमित रूप से प्राणायाम, व्यायाम और योगासन कर शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढाएं और आपातकाल का सामना करने के लिए अपने शरीर और मन की तैयारी करें !
इस परिस्थिति को मौज करने की दृष्टि से न देखते हुए स्वयं की शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक क्षमता बढाने के लिए गंभीरता से प्रयत्न करने पर आपातकाल में स्वयं के साथ देश की भी रक्षा हो सकती है ।