|
नई देहली – ‘किसी भी धार्मिक कार्यक्रम के लिए सरकारी पैसों का उपयोग करना अयोग्य है । असम सरकार ने सरकारी कोष से मदरसे न चलाने का निर्णय लिया है । उसी प्रकार उत्तर प्रदेश सरकार को कुंभमेले के आयोजन पर ४ सहस्र २०० करोड रुपए खर्च नहीं करने चाहिए थे ।’ इस ट्वीट का विरोध होने पर कुछ समय पश्चात उन्होंने अपना यह ट्वीट हटा लिया । तत्पश्चात एक समाचारवाहिनी के साथ बोलते हुए कहा कि राज्य का कोई धर्म नहीं होता । सभी के साथ समानता से व्यवहार किया जाना चाहिए । किसी के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए । इस परिप्रेक्ष्य में मैने कुंभमेले के लिए किए जानेवाले खर्चे का उदाहरण दिया था ।
Religion should be separate from political power & state shouldn't interfere/encourage/discourage any religion. In this context, I cited example of Kumbh fair expenditure, it was huge: Congress leader Udit Raj on his now-deleted tweet questioning UP govt's spending on Kumbh fair pic.twitter.com/I9fxkPeupg
— ANI (@ANI) October 15, 2020
उत्तर प्रदेश के मंत्री बृजेश पाठक ने इस पर कहा कि कुंभमेला वैश्विक स्तर का आयोजन है । वह केवल उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं है । उसमें पूरे विश्व के लाखों लोग सम्मिलित होते हैं; इसलिए ऐसे आयोजनों की आलोचना नहीं करनी चाहिए ।