मदरसों में आतंकवादियों का पैसा होने के कारण सभी मदरसे बंद करें !

शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी की मांग

  • कम से कम केंद्र सरकार और भाजपाशासित प्रदेश रिजवी के मतानुसार कृत्य करें, ऐसा हिन्दुओं को लगता है !
  • जो एक मुसलमान नेता को लगता है, वह धर्मनिरपेक्ष और आधुनिकतावादियों को कभी नहीं लगेगा; क्योंकि उनकी दृष्टि से मदरसे धर्मनिरेपक्ष हैं !
शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी

लक्ष्मणपुरी (उत्तरप्रदेश) – मदरसों में आतंकवादियों का पैसा होता है । इनमें कट्टरतावादी देशों का पैसा होता है, जो आतंकवादियों की निर्मिति कर रहे हैं । इसलिए देश के सभी मदरसे बंद करने चाहिए तथा वहां विद्यालयीन शिक्षा प्रारंभ करनी चाहिए, ऐसी मांग शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने की है । असम सरकार नवंबर से सरकारी मदरसे बंद करनेवाली है । उस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए रिजवी बोल रहे थे ।

वसीम रिजवी द्वारा प्रस्तुत सूत्र

१. जब तक सभी धर्माें के बच्चे एकत्रित बैठकर शिक्षा नहीं लेंगे, तब तक कट्टरतावादी मानसिकता, इस्लाम का अयोग्य प्रचार और दूसरे धर्माें के प्रति द्वेष नष्ट नहीं होगा । प्रत्येक धर्म का सम्मान होना चाहिए ।

२. मदरसों में पढाया जानेवाला पाठ्यक्रम दुकानों में उपलब्ध क्यों नहीं होता ? एक ही धर्म के लोगों को मदरसों में क्या पढाया जाता है ? वे ऐसा क्यों कर रहे हैं ?

३. भारत के लोगों को मदरसों में पढाया जाता है कि, ‘केवल आप ही अल्लाह के अच्छे भक्त हो तथा आपके अतिरिक्त दूसरा कोई योग्य नहीं है । जितने धर्म अल्लाह को नहीं मानते, इस्लाम को नहीं मानते, वे काफिर हैं । उनसे जिहाद करें । उन्हें मार डालें ।’ यदि बच्चों को यही सिखाया जानेवाला है, तो आप ही बताएं, ये बच्चे बडे होकर क्या बनेंगे ? (इसका उत्तर धर्मनिरपेक्षतावादी और आधुनिकतावादियों को देना चाहिए ! – संपादक)