Delhi HC Verdict : सार्वजनिक भूमि पर साधु, फकीर आदि को यदि समाधि निर्मित करने की अनुमति दी, तो जनहित संकट में पड जाएगा ! – देहली उच्च न्यायालय

नई देहली – साधु, गुरु, फकीर एवं अन्य धार्मिक व्यक्तियों को सार्वजनिक भूमि पर प्रार्थनास्थल अथवा समाधि निर्माण करने की अनुमति देने से उसके गंभीर परिणाम होंगे तथा व्यापक जनहित संकट में पड जाएगा, ऐसा मत दिल्ली उच्च न्यायालय ने व्यक्त किया । महंत नागा बाबा भोला गिरी ने अपने वंश के माध्यम से प्रविष्ट की याचिका पर न्यायालय द्वारा यह टिप्पणी की गई ।

इस याचिका में ‘निगम बोध घाट में स्थान उपलब्ध कर देने का आदेश जिलाधिकारी को दें’, ऐसी विनती न्यायालय से की गई है । याचिकाकर्ता ने दिल्ली विशेष कानून द्वारा निर्धारित की गई वर्ष २००६ की मर्यादा के पूर्व भूमि की मालिकी (स्वामीत्व) का दावा किया था । जिला दंडाधिकारी ने यह दावा इससे पूर्व ही अस्वीकार कर दिया था । उन्होंने भूमि से संबंधित महसूल पंजीकरण उपलब्ध न होने का संदर्भ देते हुए विनती को अमान्य रखा था ।

न्यायालय ने आगे कहा, ‘नागा साधु भगवान शिवजी के भक्त होते हैं । उन्हें सांसारिक आसक्तियों से मुक्त जीवनयापन करना पडता है । इस कारण उन्हें अपने नाम पर संपत्ति का स्वामीत्व पाना, यह उनकी श्रद्धा एवं आचार के विरुद्ध है ।’