Chinese Media Praise India : चीन और भारत के नागरिक सबसे सुखी और समृद्ध जीवन जीते हैं !

चीनी सरकार के मुखपत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ पत्रिका की रिपोर्ट !

बीजिंग (चीन) – चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने एक रिपोर्ट जारी की है। इसने सबसे सुखी और समृद्ध देशों की एक सूची प्रकाशित की है। दावा किया गया है कि चीन और भारत के नागरिक ‘जी7’ देशों (कनाडा, अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी, इटली और जापान) की तुलना में अधिक सुखी और समृद्ध जीवन जीते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में ९१ प्रतिशत लोगों का कहना है कि वे सुखी और समृद्ध जिंदगी जीते हैं। इसके बाद ८४ प्रतिशत भारतीयों ने कहा कि वे अपनी जीवनशैली से संतुष्ट हैं और सुखी और समृद्ध जीवन जी रहे हैं। इसके बाद अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन के नागरिक हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, जीवन संतुष्टि का वैश्विक औसत ७३ प्रतिशत है। चीन (९१ प्रतिशत) और भारत (८४ प्रतिशत) औसत से बहुत आगे हैं। इसके बाद ७६ प्रतिशत अमेरिकी अपनी जीवनशैली से आनंदित हैं। इसके बाद फ्रांस और कनाडा का स्थान है। दोनों देशों में ७४ प्रतिशत लोगों ने अपने जीवन स्तर के दृष्टि से अपनी खुशी व्यक्त की। इसके बाद ७० प्रतिशत के साथ ब्रिटेन, ६८ प्रतिशत के साथ इटली, ६७ प्रतिशत के साथ जर्मनी और ६० प्रतिशत के साथ जापान का स्थान है।

२२०००  लोगों से बातचीत पर आधारित रिपोर्ट 

ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि खुशी पर यह रिपोर्ट २२५०८  लोगों से बातचीत पर आधारित है। पत्रिका ने ३२ देशों के १८ से ७५ वर्ष के २२५०८  लोगों के साथ ऑनलाइन साक्षात्कार आयोजित किए। साक्षात्कार में इन लोगों से पूछा गया, ‘वे अपनी जीवन शैली से कितने खुश हैं?’ इसमें चीनियों ने अपने जीवन से सबसे बड़ी खुशी व्यक्त की। इसके बाद भारत के लोगों ने अपने जीवन पर संतुष्टि जताई।

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में भारत १२६ वें स्थान पर!

इस वर्ष मार्च में प्रकाशित ‘यूएन वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट’ में चीन को प्रमुख देशों में शामिल नहीं किया गया था। दुनिया के सबसे सुखी और समृद्ध देशों की इस सूची में फिनलैंड को पहला स्थान मिला। फिनलैंड के बाद डेनमार्क दूसरे नंबर पर है। सूची में आइसलैंड तीसरे और स्वीडन चौथे स्थान पर है। इजरायल ५ वें स्थान पर है। १३३ देशों की इस सूची में भारत १२६ वें स्थान पर है।

संपादकीय भूमिका 

चीन के मुखपत्र द्वारा किए गए इस दावे में भारत को शीर्ष स्थान मिलना ये आश्चर्य कारक है ! क्या चीन के शासक इससे खुश हैं ? यह वास्तविक प्रश्न है !