Pope Francis Declared Dead Boy Saint : १८ वर्षों पूर्व मृत हुए १५ वर्ष आयु के लडके को पोप फ्रांसिस ने ‘संत’ घोषित किया !

२ चमत्कार करने से संतपद प्रदान !

वैटिकन सिटी – लंदन में जन्म हुए कार्लो क्युटिस नामक १५ वर्ष आयु के लडके को मृत्यु उपरांत संत घोषित किया गया है । वैटिकन के संतपद प्रदान करनेवाले विभाग के प्रमुख कार्डिनल मार्सेलो सेमेरारो के साथ हुई बैठक में ईसाई के सर्वोच्च धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने कार्लो को संतपद प्रदान करने का निर्णय लिया है । पोप की ओर से प्रकाशित निवेदन में यह जानकारी दी गई है ।

कार्लो ने २ चमत्कार करने का भी स्वीकार किया गया है । इसलिए उसे संतपद के लिए उचित माना गया है । ‘केवल भगवान ही चमत्कार करते हैं’, ऐसी सीख रोमन कैथॉलिक चर्च द्वारा दी जाती है; परंतु ‘स्वर्ग में भगवान के साथ जो संत होते हैं एवं लोगों की ओर से भगवान से प्रार्थना करते हैं, वे चमत्कार कर सकते हैं’, ऐसी धारणा इस पंथ में है ।

कौन था कार्लो ?

कार्लो का जन्म ३ मई १९९१ को लंदन में हुआ था । तदुपरांत वह इटली के मिलान में रह रहा थे । वर्ष २००६ में आयु के १५ वें वर्ष में रक्त के कर्करोग से उसका निधन हुआ था । कार्लो संगणक विशेषज्ञ था । ऑनलाईन पद्धति से कैथॉलिक पंथ का प्रसार करने हेतु उसने अनेक जालस्थलों की निर्मिति की थी । वैटिकन से संबंधित संस्था के लिए उसने काम किया था । ‘गॉड्स एन्फ्लूएंसर’ एवं ‘इंटरनेट के संत’ ऐसी भी उसकी पहचान थी । कार्लो कैथॉलिक चर्च के प्रथम ‘मिलेनियल संत’ प्रमाणित होंगे । जिस बच्चे का जन्म १९८० से १९९० के दशक में हुआ है, उन्हें ‘मिलेनियल जनरेशन’ कहा जाता है ।

इटालियन बिशप्स कांनफ्रेंस’ के समाचारपत्र अनुसार कार्लो के चमत्कारों के दावे !

मैथ्यूस नामक ब्राजिल के लडके में जन्मतः गंभीर दोष था, जिसे कार्लो ने ठीक किया । यह चमत्कार वर्ष २०१४ का है । मैथ्यू के परिजनों से संबंधित एक पादरी ने मैथ्यूस को कार्लो के अवशेषों को स्पर्श करने को कहा, ऐसा करने से मैथ्यूस पूर्णतः ठीक हो गया, ऐसा कहा जाता है !

दूसरा चमत्कार कोस्टा रिका देश की एक लडकी से संबंधित है । यह लडकी इटली में शिक्षा ले रही थी । उसके माथे पर लगी चोट से उसके ठीक हो जाने की जानकारी मिली है । उसकी मां ने कार्लो की मृतदेह के सामने प्रार्थना कर एक चिट्ठि रखी थी !