उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग से पर्यावरण पर संकट!

देहरादून (उत्तराखंड) – जैसे-जैसे गर्मी अपने चरम पर पहुंच रही है, उत्तराखंड में जंगलों की आग भी तेज होती जा रही है। जंगलों में लगी आग के कारण काले बादल छा गए हैं। इस ब्लैक कार्बन के कारण पर्यावरण संकट में है। लोगों को सांस लेने जैसी कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

आग लगने की घटनाओं में उत्तराखंड सबसे आगे!

जंगलों में आग लगने की घटनाओं में उत्तराखंड सबसे आगे है। उत्तराखंड में ७ दिनों में ४.५०० से ज्यादा फायर अलर्ट भेजे जा चुके हैं। इस अवधि के दौरान, उत्तराखंड में जंगल में आग की सबसे अधिक ३५० गंभीर घटनाएं दर्ज की गईं।

यह वैज्ञानिक तथ्य है कि जंगल की आग कार्बन के निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाती है। जब जंगल जलते हैं, तो वे बड़ी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड और ब्लैक कार्बन सहित अन्य प्रदूषक भी उत्सर्जित करते हैं। आधा जला हुआ कार्बन काला कार्बन होता है। इससे वायु की गुणवत्ता और जलवायु पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।