निज्जर हत्या की घटना में ३ भारतीयों को बंदी बनाए जाने का मामला
नई देहली – कनाडा ने भारत पर आरोप करना उनकी राजनीतिक विवशता है । कनाडा में चुनाव हो रहे हैं । इसलिए मतपेटी की राजनीति चल रही है । हमारी सबसे बडी समस्या आज कनाडा में है; क्योंकि वहां की सत्ताधारी पार्टी और अन्य राजनीतिक पार्टियों ने उग्रवाद, पृथकतावाद एवं हिंसाचार अदि में व्यस्त शक्तियों का समर्थन किया है । स्वतंत्रता के नाम पर उन्हें संवैधानिक रूप दिया गया है । जब आप इस संदर्भ में उनसे पूछते हो, तो वे ‘हम एक लोकतांत्रिक देश हैं’, ऐसा उत्तर देते है, ऐसी स्पष्ट प्रतिक्रिया भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस्. जयशंकर ने व्यक्त की है । खलिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में कनाडा ने ३ भारतीयों को बंदी बनाया है, इसपर जयशंकर ने उनकी भूमिका प्रस्तुत की । कनाडा की ‘सीबीसी’ इस समाचार वाहिनी ने दी जानकारी के अनुसार बंदी बनाए गए तीनों कुख्यात गुंडे लॉरेंस बिश्नोई के गुट से संबंधित हैं ।
🛑 Canada legitimizes secessionist forces under the guise of ‘freedom’ – Minister of External Affairs S Jaishankar
Case related to arrest of three Indians in the Nijjar murder case
MEA S Jaishankar has also made several serious accusations against #Canada. He stated:
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) May 5, 2024
जयशंकर ने कनाडा पर अनेक गंभीर आरोप किए है । वे कहते हैं कि,
१. अनेक बार बताने पर भी संगठित अपराध करनेवालों को कनाडा ने दिया आश्रय !
बंदी बनाए गए भारतीयों की जानकारी अभी तक कनाडा ने नहीं दी है । हम उसकी प्रतीक्षा में हैं । पता चला है कि बंदी बनाए गए संदेहास्पद गुटों से संबंधित हैं । भारत के अनेक बार बताने पर भी पंजाब के संगठित अपराध करनेवाले गुटों को कनाडा ने आश्रय दिया है ।
२. कनाडा की पुलिस हमसे कोई सहयोग नहीं करती !
निज्जर हत्या को लेकर जो कुछ हो रहा है, वह कनाडा की अंतर्गत राजनीति के कारण हो रहा है, उसका भारत से कोई लेना-देना नहीं है । कनाडा के पास निज्जर हत्या के मामले में भारत के विरुद्ध कोई प्रमाण नहीं हैं । वहां की पुलिस हमें कोई सहयोग नहीं देती नहीं है ।
३. कनाडा में ‘खालिस्तान समर्थक’ मतपेटी की राजनीति !
कनाडा में ‘खालिस्तान समर्थक’ कुछ लोगों ने स्वयं को राजनीतिक स्तर पर संगठित किया है । उसे एक प्रभावशाली राजकीय दबावगुट का आकार प्राप्त हुआ है । वहां की सत्ताधारी पार्टी के पास आवश्यक सांसदों की संख्या न होने से उन्हें ऐसी कुछ पार्टियों तथा उनके नेताओं के समर्थन पर निर्भर रहना पड रहा है । मतपेटी की ऐसी राजनीति की इतनी बडी समस्या अभी तक अमेरिका में उत्पन्न नहीं हुई है, जितनी की कनाडा में है ।
४. ‘न्यूटन के सिद्धांत’ के अनुसार प्रतिक्रिया दी जाएगी !
कनाडा को यह ध्यान में रखना चाहिए कि आज का विश्व एक ही पक्ष को लेकर नहीं चलता है । क्रिया करने पर ‘न्यूटन के सिद्धांता’ नुसार अब राजनीति में भी प्रतिक्रिया दी जाएगी ।
५. संदेहास्पद लोगों को स्थान दिया जाएगा, तो हमारे आपसी संबंधों पर परिणाम होगा !
कनाडा ने पंजाब के संगठित अपराध करनेवाले अनेक गुटों का स्वागत किया है । भारत ने अनेक बार कनाडा को समझाया है कि ये लोग भारत के अपराधी हैं, तब भी आप उन्हें ‘वीजा’ दे रहे हैं । इनमें से अनेक लोग बनावटी दस्तावेज बनाकर आप के पास आए हैं, तब भी आप उन्हें स्थान देते हैं । राजनीतिक उद्देश्य से आप ऐसे संदेहास्पद लोगों को स्थान दोगे, तो हमारे आपसी संबंधों में भी समस्याएं उत्पन्न होंगी । भारत ने आज तक २५ लोगों के प्रत्यर्पण की सूची देकर भी कनाडा ने उन्हें भारत को सुपुर्द नहीं किया है । इनमें से अनेक लोग खलिस्तान समर्थक हैं ।