गोवा में समान नागरी संहिता है, तब भी वहां कोई समस्या नहीं है, इसका दिया संदर्भ !
नई देहली – समान नागरी संहिता के विरुद्ध आवाज उठानेवालों को मैं कहता हूं, थोडा गोवा की ओर देखें । देश स्वतंत्र हुआ, तब से वहां समान नागरी संहिता है । गोवा में सर्वाधिक अल्पसंख्यक हैं । तब भी गोवा में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं है । सभी लोग सुख-शांति से रह रहे हैं । गोवा गति से विकास कर रहा है । इसलिए सभी राज्यों को लगता है कि यदि समान नागरी संहिता के कारण गोवा में सुख-शांति है, तो हमारे राज्य में क्यों नहीं ? इसीलिए समान नागरी संहिता लाने के लिए हम वचनबद्ध हैं, ऐसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘टीवी ९’ इस समाचारवाहिनी को दिए साक्षात्कार में बताया ।
My interview to TV9 Network. https://t.co/5A3XAd7byG
— Narendra Modi (@narendramodi) May 2, 2024
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समान नागरी संहिता के संदर्भ में प्रस्तुत किए सूत्र !
१. समान नागरी संहिता लागू होनी चाहिए, ऐसा संविधान में ही लिखा है !
समान नागरी संहिता लागू होनी चाहिए, ऐसा संविधान में ही लिखा है; परंतु अभी तक यह संहिता लागू नहीं की गई । इसलिए जिन्होंने यह संहिता लागू नहीं की, उन्हें प्रश्न पूछना चाहिए । देश चलाना हो, तो देश में समान नागरी संहिता होनी चाहिए या नहीं ?
२. पीछली सरकारों ने संहिता लागू क्यों नहीं की ?
‘समान नागरी संहिता कब लागू करेंगे ?’ यह प्रश्न प्रसारमाध्यम हमें पूछ रहे हैं । मुझे आश्चर्य लगता है । प्रसारमाध्यमों ने यह प्रश्न ७५ वर्षाें के उपरांत क्यों पूछा ? इसके पहले क्यों नहीं पूछा ? देश स्वतंत्र होने के पश्चात प्रत्येक सरकार और प्रधानमंत्रियों को यह प्रश्न पूछना चाहिए था ।
३. कांग्रेस के पास ही उत्तर मांगे !
सर्वोच्च न्यायालय ने २ सहस्र ५०० बार सार्वजनिक रुप से बताया कि सरकार को समान नागरी संहिता होने के लिए कदम उठाने चाहिए; इसलिए आप को कांग्रेस को ही इसका उत्तर मांगना चाहिए ।
४. सत्ता में आने पर समान नागरी संहिता लागू करेंगे !
सत्ता में आने पर हम समान नागरी संहिता लागू करेंगे, यह बात हम हमारे घोषणापत्रों में बताते आ रहे हैं । अब इसपर किस पद्धति से आगे जाना है ?, कैसे मार्ग निकालना है ?, यह हम परिस्थितिनुसार निश्चित कर रहे हैं । देश का संविधान समान नागरी संहिता के बारे में बोल रहा है । देश का सर्वोच्च न्यायालय इस संहिता के बारे में बोल रहा है । देश की वैधानिक संस्थाओं ने जो बताया, उसे प्रत्यक्ष में लाने का मार्ग हम खोज रहे हैं । इसलिए हम जनता के आशीर्वाद मांग रहे हैं ।