कच्चाथिवू द्वीप वापस पाने के लिए श्रीलंका से करना होगा युद्ध !

  • भारत के पूर्व महाधिवक्ता मुकुल रोहतगी का विधान !

  • वर्ष १९७४ में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने श्रीलंका से कुछ भी न लेते हुए भेंट में दे दिया द्वीप !

भारत के पूर्व महाधिवक्ता मुकुल रोहतगी

नई देहली – भारत के पूर्व महाधिवक्ता मुकुल रोहतगी कच्चाथिवू द्वीप कांग्रेस सरकार द्वारा बदले में बिना कुछ लिए द्वीप श्रीलंका को भेंट देने का गंभीर आरोप लगाया है । वह एक अंग्रेजी न्यूज़चैनल को दिए साक्षात्कार में बोल रहे थे । यदि हमें यह द्वीप वापस लेना है, तो श्रीलंका से युद्ध करना होगा, ऐसा भी उन्होंने कहा ।

तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भारत का कच्चाथिवु नाम का द्वीप श्रीलंका को दिया था । यह जानकारी अधिकार कानून के अंतर्गत दी गई अरजी के माध्यम से सामने आई है । इस विषय पर स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ दिनों पूर्व देकर कांग्रेस को लक्ष्य बनाया था । वर्ष २०१४ में मुकुल रोहतगी महाधिवक्ता थे । उस समय भी उनके द्वारा उच्चतम न्यायालय में कच्चाथिवू द्वीप के संबंध में किया विधान चर्चा में आया था । तमिलनाडु के रामेश्वरम से लगभग १६ किलोमीटर की दूरी पर यह द्वीप है ।

भूभाग के लेनदेन की परंपरा !

साधारणतः दो पडोसी देशों में भूभागों का लेनदेन होता रहता है । जिसमें एक राष्ट्र की ओर से, दूसरे राष्ट्र को किसी भूभाग के बदले में दूसरा भूभाग दिया जाता है । भारत तथा पाकिस्तान में इसी प्रकार वर्ष १९५८ से १९६० के समय लेनदेन हुआ था, ऐसा रोहतगी ने कहा । कुछ वर्षों पूर्व मोदी सरकार ने बांगलादेश के साथ इसी प्रकार कुछ भूभागों का लेनदेन किया था । ऐसा होने पर भी कुछ भी न लेते हुए कांग्रेस ने कच्चथिवू श्रीलंका को क्यों दिया ? इसके बदले में भारत को क्या मिला, इन प्रश्नों के उत्तर कांग्रेस को देने होंगे, ऐसा भी रोहतगी ने इस समय कहा ।

संपादकीय भूमिका 

भारत की अखंडता को चोट पहुंचाने वाली कांग्रेस की परंपरा ही रही है । अब मतदान के माध्यम से कांग्रेस को हमेशा के लिए घर पर बिठाने के लिए हिन्दुओं को संगठित होना चाहिए !