मथुरा के श्रीकृष्ण मंदिर के भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति ढूंढने के लिए आगरा की बेगम मस्जिद का सर्वेक्षण करें !

कथावाचक कौशल किशोर ठाकुर द्वारा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से पत्र लिखकर मांग

कथावाचक कौशल किशोर ठाकुर

मथुरा (उत्तर प्रदेश) – यहां के कथावाचक कौशल किशोर ठाकुर ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को पत्र लिखकर आगरा मस्जिद की सीढियों का सर्वेक्षण करने की विनति की है । उन्होंने कहा कि इस मस्जिद की सीढियों के नीचे भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति गाड दी गई थी । उनका कहना है, ‘यह वही मूर्ति है, जो श्रीकृष्ण के जन्मस्थान के मंदिर के मूल गर्भगृह में स्थापित की गई थी ।’

१. कौशल किशोर ठाकुर की ओर से सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता रीना एन. सिंह द्वारा लिखे गए पत्र में कहा है कि भारतीय पुरातत्व विभाग को उचित पद्धति से सर्वेक्षण करना चाहिए एवं ‘भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति कहां गाड दी गई है ?’, यह ढूंढना चाहिए ।

मेरे ध्यान में आया है कि ऐतिहासिक कागदपत्र, सामग्री एवं स्थानीय दंतकथाएं हैं, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण की पवित्र मूर्ति की उपस्थिति के विषय में कहा गया है । वे ‘भगवान केशवदेव’ के रूप में पहचाने जाते हैं । यह मूर्ति भगवान कृष्णके प्रपौत्र महाराज व्रजनाभ ने भगवान के मूल जन्मस्थान में स्थापित की थी ।

२. संत कौशल किशोर ठाकुर दावा करते है कि यह मूर्ति राधा रानी एवं अन्य हिन्दू देवताओं की मूर्तियों सहित गाड दी गई है । सर्वेक्षण के निर्णय के कारण केवल हिन्दू समाज को भगवान कृष्ण की मूर्ति वापस मिलने में सहायता नहीं होगी अपितु जिस ऐतिहासिक कारणों से देवता की मूर्ति गाड दी गई थी, उस पर भी प्रकाश डलेगा ।

३. इससे पूर्व सितंबर २०२२ में अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने मथुरा दिवाणी न्यायालय में याचिका प्रविष्ट की थी । उन्होंने मांग करते हुए कहा है कि आगरा मस्जिद की सीढियों के तले श्रीकृष्ण की मूर्ति गाड दी गई है एवं वहां खनन कर उसे बाहर निकालें ।

संपादकीय भूमिका

भारत के हिन्दुओं के अनेक मंदिरों को मुस्लिम आक्रामकों ने तोड कर उनका मस्जिदों में रूपांतरण किया । चूंकि अब हिन्दू जागृत हो गए हैं इसलिए ये धार्मिक स्थल वापस देने की मांग कर रहे हैं । इस कारण अब सरकार को ही पूरे भारत के ऐसे सभी स्थलों की एकत्रित सूची बनाकर उनका सर्वेक्षण करने का आदेश देना चाहिए !