Chandra Kumar Bose : (और इनकी सुनिए…) ‘सावरकरजी को नेताजी से ना जोडें; क्‍योंकि नेताजी धर्मनिरपेक्ष नेता थे !’- नेताजी बोस के प्रपौत्र चंद्र कुमार बोस

‘स्‍वतंत्रतावीर सावरकर’ चलचित्र के विज्ञापन को लेकर नेताजी बोस के प्रपौत्र चंद्र कुमार बोस ने की आपत्ति !

नेताजी बोस के प्रपौत्र चंद्र कुमार बोस एवं रणदीप हुडा

कोलकाता (बंगाल) – ‘स्‍वतंत्रतावीर सावरकर’ चलचित्र का ट्रेलर (विज्ञापन) प्रदर्शित हुआ है । इसमें एक प्रसंग में नेताजी सुभाषचंद्र बोस से स्‍वतंत्रतावीर सावरकर कहते हुए दिखाई देते हैं कि जर्मनी एवं जापान के अत्‍याधुनिक हथियारों द्वारा अंग्रेजों पर आक्रमण करें ।’ इस प्रसंग पर नेताजी बोस के प्रपौत्र चंद्र कुमार बोस ने टिप्‍पणी की है । उन्‍होंने नेताजी बोस को ‘धर्मनिरपेक्ष’ कहते हुए कहा, ‘सावरकर के साथ उन्‍हें न जोडें ।’ यह चलचित्र २२ मार्च को प्रदर्शित होगा ।

१. चंद्र कुमार बोस ने ‘एक्‍स’ पर चलचित्र के दिग्‍दर्शक एवं अभिनेता राणदीप हुडा को ‘टॅग’ करते हुए ‘पोस्‍ट’ में कहा है, ‘रणदीप हुड्डा, ‘स्‍वतंत्रतावीर सावरकर’आपके इस चलचित्र की मैं प्रशंसा करता हूं; परंतु उचित व्‍यक्‍तिमत्‍व दिखाना बहुत महत्त्वपूर्ण होता है । कृपया सावरकरजी के साथ नेताजी सुभाषचंद्र बोस का नाम जोडना टालें । नेताजी सभी को साथ ले जानेवाले धर्मनिरपेक्ष नेता थे एवं देशभक्‍तों की रक्षा करनेवाले थे ।’

२. पिछले वर्ष इस चलचित्र का टीजर (छोटा विज्ञापन) प्रदर्शित हुआ । तब भी उस पर विवाद हुआ था । टीजर में कहा गया था, ‘स्‍वतंत्रतावीर सावरकर भगतसिंह, खुदीराम बोस एवं नेताजी सुभाषचंद्र बोस जैसे क्रांतिकारियों के आस्‍था के केंद्र थे ।’ इस पर आलोचना की गई थी । तब भी चंद्र कुमार बोस ने आपत्ति उठाई थी । उन्‍होंने कहा था कि सावरकर पर निर्माण किए गए चलचित्र में नेताजी, भगतसिंह एवं खुदीराम बोस को दिखाने की आवश्‍यकता नहीं है । (जो इतिहास है, वही यदि न दिखाया जाए, तो चलचित्र का क्‍या अर्थ रह जाएगा ? किसी को भी ऐसा ही लगेगा कि इस प्रकार की आपत्ति उठानावाले नेताजी बोस का ही अपमान कर रहे है ! – संपादक) चलचित्र का हेतु विवादग्रस्‍त है अथवा नहीं, यह चलचित्र प्रदर्शित होने के उपरांत ही समझ में आएगा ।

संपादकीय भूमिका

  • ‘स्‍वतंत्रतावीर सावरकर’ चलचित्र का विज्ञापन (ट्रेलर) में इतिहास दिखाया गया है । नेताजी बोस रत्नागिरी जाकर सावरकरजी से मिले थे । यह सभी जानते हैं । वही बात इस विज्ञापन में दिखाई गई है । उस पर तथाकथित एवं पाखंडियों द्वारा धर्मनिरपेक्षता के नाम पर आपत्ति उठाना, अर्थात इतिहास को अस्‍वीकार करना ही है !
  • इस पर चंद्र कुमार बोस का कहना है कि स्‍वतंत्रतावीर सावरकर धर्मनिरपेक्षता के विरुद्ध थे । जिस मोहनदास गांधी एवं नेहरू ने नेताजी बोस को कांग्रेस में निरुत्‍साही किया (उनकी नीति का दमन किया), धर्मनिरपेक्षता के नाम पर हिन्‍दुद्वेष एवं मुसलमानप्रेम की राजनीति की, उनके विषय में वे क्‍यों नहीं बोलते ?