Bharat Ratna Award : पी.वी. नरसिम्हा राव, चौधरी चरण सिंह एवं  एम.एस. स्वामीनाथन को भारत रत्न घोषित !

(बाएंसे) पी.वी. नरसिम्हा राव, एम.एस. स्वामीनाथन एवं चौधरी चरण सिंह

नई देहली – कांग्रेस नेता और देश के पूर्व प्रधानमंत्री पी. वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ‘एक्स’ खाते  के माध्यम से घोषणा की, कि नरसिम्हा राव को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। उनके साथ पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और भारत के कृषि क्षेत्र में क्रांति के प्रणेता डॉ. एम.एस. स्वामिनाथन को ´भारत रत्न पुरस्कार´ से भी सम्मानित किया जाएगा, ऐसी घोषण प्रधानमंत्री मोदी ने की । कुछ दिन पहले, पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भी ´भारत रत्न पुरस्कार´ से अलंकृत करने की घोषणा की गई थी।

प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, ‘मुझे पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव को ´भारत रत्न पुरस्कार´ देने की घोषणा करते हुए अपार आनंद हो रहा है। एक प्रतिष्ठित विद्वान राजनीतिज्ञ पी. वी नरसिम्हा राव ने भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने कई वर्षों तक आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और सांसद तथा विधान सभा सदस्य के रूप में कार्य किया। उनके दूरदर्शी नेतृत्व के कारण भारत आर्थिक मोर्चे पर आगे बढा ।” प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में नरसिम्हा राव का कार्यकाल देश के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। उन्होंने भारत के द्वार विश्व बाजार के लिए खोल दिये। जिससे आर्थिक विकास का एक नया युग प्रारंभ  हुआ। इसके साथ ही विदेश नीति, भाषा और शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान से न केवल भारत का विकास हुआ, बल्कि देश सांस्कृतिक और बौद्धिक रूप से भी समृद्ध हुआ।

चौधरी चरण सिंह ने आपातकाल के विरुद्ध लडाई लडी !

प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के संबंध में जानकारी देते हुए कहा, ”यह हमारी सरकार का सौभाग्य है कि चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है। हम यह पुरस्कार चौधरी चरण सिंह को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए समर्पित कर रहे हैं। उन्होंने अपना संपूर्ण  जीवन किसानों के अधिकारों और किसानों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाते या देश के गृह मंत्री, इन पदों पर रहते हुए उन्होंने केवल देश की समृद्धि को महत्व दिया। उन्होंने आपातकाल के विरुद्ध भी कठोर दृष्टिकोन अपनाया। हमारे किसान भाइयों के प्रति उनका समर्पण और आपातकाल के समय लोकतंत्र को बचाने के लिए उनकी तत्परता हमें प्रेरित करती रहेगी।”