बांग्लादेश के हिन्दुओं में अयोध्या के श्रीराम मंदिर के उपरांत प्रचंड भय !

शेख हसीना सरकार के निष्क्रिय होने का हिन्दुओं द्वारा आरोप

ढाका (बांग्लादेश) – अयोध्या में श्रीराम मंदिर में प्रभु श्री रामलला की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा जब से हुई है, तब से देश-विदेशों से बडी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आ रहे हैं । ऐसा है, तब भी भारत के पडोसी बांग्लादेश से अयोध्या में आने का किसी का साहस नहीं हुआ है, यह ध्यान में आया है । बांग्लादेश में कुछ दिन पहले ही सार्वत्रिक चुनाव हुए हैं । उस समय हिन्दुओं पर आक्रमण हुए थे । ‘अयोध्या में जाकर यदि श्री रामलला के दर्शन करेंगे, तो हम पर आक्रमण होंगे’, ऐसा भय वहां के हिन्दुओं के मन में है ।

इस संदर्भ में यहां के ढाकेश्वरी और रमण काली मंदिर में कार्यरत रूहीदास पाल ने बताया कि २२ जनवरी के उपरांत यहां का वातावरण ठीक नहीं है । मेरी पत्नी और बेटियों की सुरक्षा से मैं चिंतित हूं । मैं अपने आप्तजनों को मिलने कोलकाता नहीं जा पा रहा हूं ।

  • ‘बांग्लादेश में हिन्दुओं की संख्या बहुत ही अल्प है और वे वहां सदैव असुरक्षित हैं ।’ – रामेन मंडल, महासचिव, ढाकेश्वरी मंदिर
  • ‘हम सत्ता में आएंगे, तो मंदिर गिराकर मस्जिदों का निर्माण करेंगे’, अनेक धर्मांध ऐसी धमकियां दे रहे हैं; परंतु सरकार चुप है । – मेघ मल्हार बसू, छात्र संगठन के कार्यकर्ता

प्राणप्रतिष्ठा के दिन मौलानाओं ने जुलूस निकालने नहीं दिया !

रमण काली मंदिर के अध्यक्ष उत्पल साहा ने बताया कि २२ जनवरी को जब श्रीराम मंदिर में श्री रामलला की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा हो रही थी, तब वहां के मौलानाओं ने ‘यहां जुलूस न निकालें’, ऐसी धमकी दी थी । ‘अपना मंदिर अथवा घर जलाया जाएगा’, ऐसा भय यहां के हिन्दुओं को लग रहा था । ‘बांग्लादेश जमात -ए- इस्लामी पार्टी’ बांग्लादेश के हिन्दुओं से सर्वाधिक नाराज है । हिन्दुओं के मंदिर गिराना उनके लिए सामान्य बात है । इतना बडा मंदिर भारत में बनाया है; परंतु बांग्लादेशी हिन्दू तथा यहां के मंदिर का अध्यक्ष होने के कारण मेरे मन में भय है । वर्ष १९९३ में बाबरी के गिराने पर हिन्दुओं पर हुए आक्रमण और हिंसा को यहां के हिन्दू आजतक नहीं भुला पा रहे हैं । वर्तमान की अवामी लीग सरकार के राज्य में यह स्थिति है, तो विरोधी पार्टी सत्ता में आने पर क्या होगा ?

संपादकीय भूमिका 

  • बांग्लादेश को इस्लामी देश घोषित नहीं किया है, तब भी वहां के बहुसंख्यक मुसलमान हिन्दुओं का वंशसंहार कर रहे हैं । इस संदर्भ में भारत सरकार ने जिस प्रकार पाकिस्तान से उत्तर नहीं मांगा, उसी प्रकार बांग्लादेश को भी कभी नहीं पूछा । वहां के हिन्दुओं के लिए सरकार कब आवाज उठाएगी ?
  • बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत के साथ घनिष्ठ संबंध हैं, तब भी वहां के हिन्दुओं की रक्षा करती हुई वे कभी नहीं दिखती । ऐसे संबंधों का हिन्दुओं के लिए कोई लाभ नहीं है, यह समझ लें !