
अयोध्या – अयोध्या के श्रीराम मंदिर में विराजमान श्री रामलला को प्रतिदिन सूर्यतिलक किया जाएगा। सूर्यतिलक आगामी रामनवमी से, अर्थात ६ अप्रैल से शुरू होगा। मंदिर निर्माण समिति ने यह निर्णय लिया है। ‘सूर्यतिलक’ का अर्थ है कि मूर्ति के मस्तक पर सूर्य की किरणें पड़ें। अयोध्या के श्रीराम मंदिर में विशेष दर्पण और अन्य उपकरणों का उपयोग करके श्री रामलला की मूर्ति के मस्तक पर सूर्य की किरणें पडने के लिए एक विशेष व्यवस्था तैयार की गई है।
श्री रामलला के मस्तक पर लगभग ३–४ मिनट तक सूर्य की किरणें पड़ेंगी। समिति के अध्यक्ष और पूर्व प्रशासनिक अधिकारी नृपेंद्र मिश्रा ने कहा, “सूर्यतिलक की प्रत्येक दिन की योजना अगले २० वर्षों के लिए बनाई गई है। पिछले वर्ष रामनवमी के दिन, अर्थात १७ अप्रैल २०२२४ को, श्री रामलला का सूर्य की किरणों द्वारा राजतिलक हुआ था।”