Netflix Denigration Of ShriRam : मुसलमान नायक कहता है कि भगवान श्रीराम मांसाहार करते थे !

  • ‘नेटफ्लिक्स’ पर प्रदर्शित ‘अन्नपूर्णी’ चलचित्र में श्रीराम की अवमानना !

  • चलचित्र में ‘लव जिहाद’ को प्रोत्साहन !

  • दिखाया है कि एक ब्राह्मण हिन्दू युवति नमाज पठन करते हुए बिर्यानी बना रही है !

  • चलचित्र के विरुद्ध पुलिस में परिवाद !

मुंबई (महाराष्ट्र) – ‘ओटीटी’ (ओव्हर द टॉप, अर्थात ‘ऐप’ के माध्यमों से चलचित्र, धारावाहिक जैसे कार्यक्रम देखना) ‘नेटफ्लिक्स’ पर प्रसारित ‘अन्नपूर्णी’ चलचित्र में दिखाया है कि हिन्दू ब्राह्मण युवति को बिर्यानी बनाने के लिए नमाजपठन करना पडता है । ऐसा भी दिखाया है कि चलचित्र का नायक युवति को कह रहा है कि, ‘श्रीराम वनवास में मांसाहार करते थे ।’ इस घटना को लेकर ‘नेटफ्लिक्स’ और ‘झी स्टुडिओज’ के विरुद्ध ‘हिन्दू आईटी सेल’ नामक संस्था के संस्थापक रमेश सोलंकी ने मुंबई पुलिस के पास परिवाद प्रविष्ट किया है ।

१. रमेश सोलंकी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर बताया कि पूरे संसार में जब श्रीराम मंदिर में श्री रामलला की प्रतिष्ठापना होने का आनंद मनाया जा रहा है, तब ‘अन्नपूर्णी’ नामक हिन्दूविरोधी चलचित्र नेटफ्लिक्स पर प्रदर्शित हुआ है । ‘झी स्टुडिओज’ और ‘ट्रायटेंट आर्टस’ इसके निर्माता हैं । इसमें अभिनेता (फरहान) अभिनेत्री को मांस खाने के लिए प्रेरित करते हुए तथा ‘भगवान श्रीराम वनवास काल में मांस खाते थे’, ऐसा बताते हुए दिख रहा है । साथही यह चलचित्र ‘लव जिहाद’ को प्रोत्साहन दे रहा है । यह चलचित्र श्रीराम मंदिर के उद्घाटन के समय इसीलिए प्रदर्शित किया गया है, जिससे कि हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत हों ।

(सौजन्य : Filmy Bukhar) 

२. सोलंकी ने परिवाद में इन लोगों के नाम प्रविष्ट किए हैं – अभिनेता नीलेश कृष्णा, जय, जतिन सेठी, आर्. रवींद्रन्, पुनित गोएंका, शरीक पटेल और अभिनेत्री मोनिका शेरगल एवं नयनतारा ।

३. इस चलचित्र में हिन्दू पुजारी की बेटी का प्रियतम मुसलमान युवक दिखाया है । इस चलचित्र में दिखाया है कि एक ब्राह्मण युवति ‘शेफ इंडिया’ के कार्यक्रम में सहभागी है । उसे नमाजपठन कर बिर्यानी बनाते हुए दिखाया है । इस विषय में वह कहती है कि नमाजपठन कर बिर्यानी बनाने से उसका स्वाद बढता है ।

उक्त चित्र एवं वीडियो प्रकाशित करने का उद्देश्य किसी की धार्मिक भावनाएं आहत करना नहीं है । केवल जानकारी के लिए प्रकाशित किया गया है । – संपादक

संपादकीय भूमिका 

  • चलचित्र को प्रमाणपत्र देते समय केंद्रीय चलचित्र परिनिरीक्षण मंडल को क्या यह दिखाई नहीं देता ? या घूस लेकर प्रमाणपत्र दिए जाते हैं ?’, क्या ऐसा समझें कि मंडलपर किए जानेवाले ऐसे आरोपों में तथ्य है ?
  • केंद्र सरकार द्वारा नियंत्रित इस मंडल की ओर सरकार को अब गंभीरता से देखना आवश्यक है !