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लाहोर (पाकिस्तान) – पाकिस्तान के अस्थायी प्रधानमंत्री अन्वर-उल-हक काकर ने ऐसा आरोप किया है कि बलुचिस्तान की स्वतंत्रता की मांग करनेवाले आतंकवादियों को भारत और उसका गुप्तचर विभाग ‘रॉ’ द्वारा निधि मिलता है । वे लाहोर के बिजिनेस फॅसिलिटेशन सेंटर में आयोजित पत्रकार वार्ता में बोल रहे थे । ‘बलुचिस्तान के ९८ प्रतिशत लोग आज भी पाकिस्तान के साथ हैं । यह वर्ष १९७१ नहीं है । बलुचिस्तान कोई बांग्लादेश नहीं, जो पृथक हो जाएगा’, ऐसा वक्तव्य भी उन्होंने भारत को संबोधित करते हुए दिया । वर्तमान में पाकिस्तान में बडी मात्रा में बलुचियों द्वारा आंदोलन किया जा रहा है । इस परिप्रेक्ष्य में उन्होंने यह वक्तव्य दिया ।
Caretaker Prime Minister Anwaarul Haq Kakar delivered a robust warning against terrorism in Balochistan on Monday, highlighting his concern that separatists are receiving funding from India’s RAW.#etribune #news #LatestNews #pakistan #pmkakar #RAW #BalochProtest pic.twitter.com/XrPyA8uyes
— The Express Tribune (@etribune) January 2, 2024
१. प्रधानमंत्री काकर ने आगे कहा कि हमारी लडाई बलुचिस्तान के सशस्त्र संगठनों के विरुद्ध है । बलुचियों के विरुद्ध नहीं । बलुची आंदोलकों को समझना चाहिए कि उनके कुटुंबीय देश के विरुद्ध काम कर रहे थे । विदेशी सहायता से किया हुआ यह सशस्त्र विद्रोह है । भारत में किसी को आई.एस्.आई के पैसों से लडने दो, फिर देखना कि उनकी क्या अवस्था होगी ।
२. बलुचिस्तान में २३ नवंबर को पाकिस्तान के आतंकवादविरोधी विभाग ने की कार्यवाही में ४ संदेहास्पद आतंकवादियों को मार दिया था । इसमें मौला बक्श नामक बलुची युवक भी था । इस बात को लेकर पाकिस्तान में बडा आंदोलन आरंभ हुआ । लोगों ने बलुचिस्तान से इस्लामाबाद तक १ सहस्र ६०० कि.मी. दूरी का लंबा मार्च निकाला । आतंकवादविरोधी विभाग की ओर से शस्त्रास्त्र अधिग्रहित किए जाने की तथा उनके नियंत्रण में विद्यमान बलुचियों की मुक्तता करने की मांग लोगों ने की । काकर भी बलुचिस्तानी होने से उनकी इस प्रकरण में आलोचना की जा रही है ।
‘India sponsors terrorism in #Balochistan.’ – #Pakistan‘s caretaker PM, Anwaar-Ul-Haq Kakar’s baseless allegations.
‘Won’t let Balochistan become the next #Bangladesh‘ – Assures the caretaker PM.
👉 Historically, Balochistan was never a part of Pakistan at the time of its… pic.twitter.com/MGQlQoOCfc
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) January 2, 2024
क्या है बलुचिस्तान प्रकरण ?
बलुचिस्तान, पाकिस्तान का एक प्रांत है । उसकी राजधानी क्वेटा है । इसकी सीमाएं ईरान और अफगाणिस्तान से सटी हुई हैं । सोना, तांबा तथा अन्य खनिज पदार्थाें की खदानें इस प्रांत में हैं । इससे पाकिस्तान का प्रचंड लाभ होता है । बलुचिस्तान के लोगों का कहना है कि इस प्रदेश से इतना लाभ लेकर भी पाकिस्तान सरकार यहां के लोगों के किए कुछ नहीं करती । बलुचिस्तान की जनता वर्ष १९४८ से पाकिस्तान सरकार के विरोध में है । वह पाकिस्तान से स्वतंत्र होने की मांग कर रही है । वह ‘बलुच नैशनल मुवमेंट’ नामक आंदोलन चला रही है । बलुचिस्तान को पाकिस्तान से मुक्त करना उनका उद्देश्य है । १९७० के दशक में ‘बलुच लिबरेशन आर्मी’ स्थापित हुई । साथही ‘माजिद ब्रिगेड’ भी २०११ में स्थापित हुई । कराची स्टॉक एक्सचेंज और ग्वादर के आक्रमण में माजिद ब्रिगेड का नाम सामने आया है ।
संपादकीय भूमिका
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