श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास द्वारा १७ जनवरी को आधिकारिक घोषणा की जाएगी
मैसूर/अयोध्या – अयोध्या में श्रीराम मंदिर के लिए रामलला की मूर्ति अंतिम हो गई है । इसे कर्नाटक के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाया है । केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी तथा कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने ’एक्स’ से इसकी घोषणा की । इस बात की आधिकारिक घोषणा १७ जनवरी को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से की जाएगी ।
१. केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ’एक्स’ के माध्यम से कहा, ‘जहां राम हैं, वहां हनुमान हैं !’ कर्नाटक हनुमान की भूमि है । इसमें कोई संदेह नहीं कि हनुमान की भूमि कर्नाटक द्वारा यह रामलला के लिए एक महत्वपूर्ण सेवा है।
२. कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने कहा, योगीराज को बधाई! यह राज्य के लिए गौरव का क्षण है।
३. मूर्तिकार अरुण योगीराज ने कहा, मुझे अभी तक कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है । मुझे खुशी है कि मैं उन मूर्तिकारों में से हूं जिन्हें इस काम के लिए चुना गया । मूर्ति ऐसी होनी चाहिए जिसमें भगवान के दिव्य बाल स्वरूप के दर्शन हो सकें । जब लोग मूर्ति को देखते हैं तो उन्हें दिव्यता अनुभव होती हैै । कुछ महीने पहले मैंने बच्चों समान मुख तथा भगवान का देवत्व अपनी आंखों के सामने रखकर कार्य आरंभ किया । अरुण योगीराज ने दिल्ली में इंडिया गेट पर स्थापित नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा भी बनाई है ।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के चंपत राय का बयान !
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास के श्री चंपत राय ने २ जनवरी को कहा था कि कौन सी मूर्ति अंतिम हो गई है ?, मैं नहीं बता सकता, मंदिर समिति इसे अंतिम करेगी । इसकी अंतिम जानकारी राम भक्तों को १७ जनवरी को दी जाएगी ।
ये है रामलाल की मूर्ति !
अयोध्या में श्रीराम मंदिर के गर्भगृह के लिए रामलला की कुल ३ मूर्तियां बनाई गई हैं। तीनों की ऊंचाई ५१-५१ इंच है. तीनों मूर्तियों में रामलला को कमल के आसन पर बैठे ५ वर्ष के बच्चे के रूप में दर्शाया गया है । कमल के फूल वाली मूर्ति की ऊंचाई ८ फीट की गई है।