छत्तीसगढ में एक व्यक्ति के पास से ५ करोड ३९ लाख रुपये की रोकड हस्तगत
रायपुर (छत्तीसगढ) – प्रवर्तन निदेशालय (‘ईडी’) ने ३ नवंबर को यहां एक उपहार गृह के तलघर में खडे एक चार पहिया वाहन से ५ करोड ३९ लाख रुपये की रोकड हस्तगत की। इस प्रकरण में असीम दास नाम के व्यक्ति को बंदी बनाया गया है। राज्य में आगामी कुछ दिनों में विधानसभा निर्वाचन के लिए मतदान होना है। यह रोकड उससे पहले ही पकडी गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दावा किया है कि इस घटना से पहले राज्य की कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ५०८ करोड रुपये मिले थे। ऐसा कहा जा रहा है कि यह धनराशि ‘महादेव बेटिंग ऐप’ के स्वामी ने मुख्यमंत्री बघेल को दी थी।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सूचित किया कि ‘महादेव ऐप’ के वरिष्ठ अधिकारी शुभम सोनी के ईमेल और असीम के मोबाइल भ्रमणभाष संपर्क विवरण से उजागर होता है कि असीम दास कुछ समय से छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री को धनराशि भेज रहे थे। इस दावे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य में एक सभा में बघेल पर आरोप लगाया है।
मुख्यमंत्री बघेल ने महादेव का नाम तक नहीं छोडा ! -प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य के दुर्ग में एक चुनावी आम सभा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की आलोचना की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने छत्तीसगढ में घोटालों और भ्रष्टाचार के अतिरिक्त कुछ नहीं किया है। जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ५ करोड रुपये हस्तगत किये तो मुख्यमंत्री अवाक रह गये। उन्होंने महादेव का नाम भी नहीं छोडा। कांग्रेस नेताओं और दुबई में बैठे घोटालेबाज आरोपियों के बीच क्या संबंध है? प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनके पैसे क्यों हस्तगत किये और मुख्यमंत्री क्यों क्रोधित हैं? एक के बाद एक छापेमारी में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने करोडों रुपये हस्तगत किए। यहां से राशि देहली न्यायालय में भेजी जाती थी। छत्तीसगढ़ उनके लिए ´एटीएम´ बन गया है। २ सहस्र करोड का मद्य घोटाला एवं ५ सहस्र करोड का चावल घोटाला किया गया। कांग्रेस ने छत्तीसगढ को लूटने का कोई अवसर हाथ से जाने नहीं दिया । छत्तीसगढ में भाजपा सरकार आने के उपरांत सभी घोटालों की जांच होगी। आरोपियों को कारागार में भेजा जाएगा।
अज्ञात के वक्तव्य पर मुझ पर आरोप लगाया जा रहा है! – मुख्यमंत्री
प्रधानमंत्री मोदी के आरोप के उपरांत मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, ”अब चूंकि प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह कांग्रेस से टक्कर नहीं ले सकते, इसलिए उन्होंने चुनाव से पहले एक अज्ञात व्यक्ति के वक्तव्य के आधार पर मुझ पर आरोप लगाया।” वर्तमान में सब कुछ निर्वाचन आयोग के हाथ में है। अब प्रश्न यह उठता है कि क्या यह धनराशि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अधिकारियों और केंद्रीय तंत्र के साथ विशेष विमान से लाई गई पेटियों से लाई गई थी। यदि मैं किसी को पकड लूं और उससे मोदी का नाम लेने को कहूं तो क्या प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जांच करेगी ?’, उन्होंने यह प्रश्न भी उछाला ।
संपादकीय भूमिकायह अब कोई रहस्य नहीं रहा कि भारत में निर्वाचन काल में करोडों रुपये बांटे जाते हैं। यह वास्तविकता अब प्रत्येक नागरिक को ज्ञात है और निर्वाचन आयोग को भी। कभी-कभी पुलिस या अन्य सरकारी यंत्रणाएं इस प्रकार का अवैध धन पकड लेती हैं, और शेष समय में निद्रिस्त रहती हैं ! |