एर्नाकुलम (केरल) – यहां एक ईसाई प्रार्थना सभा में हुए ३ बम धमाकों में मरने वालों की संख्या ३ हो गई है। इसमें एक १२ वर्ष का बालक भी सम्मिलित है। ४१ घायलों में से ५ की अवस्था गंभीर है। १२ लोग गहन चिकित्सा इकाई में हैं तथा ३ आपतकालीन श्वसन यंत्र पर हैं। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) के नेतृत्व में एक विशेष अन्वेषण दल घटना की जांच करेगा। इस दल में २० सदस्य होंगे।
यहोवा के ‘साक्षी’ समूह की विचारधारा राष्ट्र-विरोधी होने के कारण बम विस्फोट किए गए ! – आत्मसमर्पण करने वाले डोमिनिक मार्टिन का दावा।
बम स्फोट के कुछ घंटों उपरांत डोमिनिक मार्टिन ने केरल के कोडकारा पुलिस थाने में आत्मसमर्पण कर दिया और स्वीकार किया कि बम स्फोट उसने ही थी । उसे बंदी बना लिया गया है। बम धमाके करने से पहले मार्टिन ने ‘फेसबुक लाइव’ के माध्यम से अपने विचार व्यक्त किए थे। इसमें उसने ने कहा कि उसका संबंध ईसाई धर्म के यहोवा के ´साक्षी´ समूह से है; किन्तु वह उनके विचारों से सहमत नहीं है। मार्टिन उन्हें देश के लिए धोखा मानता है, क्योंकि वे देश के युवाओं के मन-मस्तिष्क को विषाग्र कर रहे हैं। अतः मार्टिन ने ‘साक्षी’ समूह की प्रार्थना सभा पर बम स्फोट की।
केरल पुलिस ने पुष्टि की है कि बम, मार्टिन ने ही प्रार्थना सभा में रखा था । पुलिस को उसके भ्रमण भाष से बम विस्फोट करने के लिए प्रयुक्त ´रिमोट कंट्रोल´ के साक्ष्य मिले।
डोमिनिक मार्टिन कुछ वर्षों तक दुबई में रहा !
डोमिनिक मार्टिन गत १५ वर्षों से दुबई में रह रहा था । वह वहां इलेक्ट्रीशियन के पद पर काम कर रहा था। उसे ‘विद्युत परिपथ’ बनाने का पूरा ज्ञान था। वह २ मास पूर्व भारत लौटा था । देश लौटने के उपरांत उसने बच्चों के शिक्षक के रूप में काम किया। अन्वेषण तंत्र इस बात की जांच कर रहा है कि दुबई में रहने की कालावधि में वह किस-किस के संपर्क में था।