वडोदरा (गुजरात) – परिपूर्ण सेवा करना, प्रीति आदि विभिन्न गुणों से युक्त, साथ ही ईश्वर के निरंतर आंतरिक सान्निध्य में रहनेवाले वडोदरा के सनातन के साधक श्री. श्रीपाद हर्षे (आयु ८९ वर्ष) सनातन के १२७ वें संतपद पर विराजमान हुए । ११ अक्टूबर को वडोदरा की सनातन की साधिका श्रीमती अंशू संत के निवासस्थान चैतन्यमय वातावरण में पू. हर्षेजी एवं श्रीमती शीला हर्षे (आध्यात्मिक स्तर ६५ प्रतिशत) के साथ अनौपचारिक संवाद करते हुए सनातन की धर्मप्रचारक सद्गुरु अनुराधा वाडेकरजी ने पू. हर्षेजी के संतपद पर विराजमान होने का रहस्योद्घाटन किया । सद्गुरु अनुराधा वाडेकरजी ने उन्हें सम्मानित किया । इस अवसर पर सनातन की संत पू. (श्रीमती) संगीता जाधवजी की वंदनीय उपस्थिति थी । यह शुभ समाचार सुनने के उपरांत उपस्थित परिवार के सभी सदस्य आनंदित हुए । इस समय उनकी बेटी श्रीमती संध्या आगरकर एवं दामाद श्री. गिरीश आगरकर तथा अन्य परिजन उपस्थित थे । कुछ परिजनों ने इस कार्यक्रम का आनंद ऑनलाइन जुडकर लिया ।