पाकिस्तानियों को भारत में प्रतिबंधित करने की याचिका न्यायालय ने निरस्त की !
मुंबई – देशभक्त होने के लिए पाकिस्तान या किसी अन्य देश के लोगों के प्रति घृणा भाव रखने की आवश्यकता नहीं है । पाकिस्तानी कलाकारों और खिलाडियों का विरोध करना देशभक्ति नहीं है,’ मुंबई उच्च न्यायालय ने, भारत में पाकिस्तानियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली याचिका को निरस्त करते हुए कहा ।
न्यायालय ने आगे कहा, ‘भारत में चल रहे क्रिकेट विश्व चषक में पाकिस्तानी दल भी खेल रहा है । भारत के संविधान के अनुच्छेद ५१ के अंतर्गत ‘अंतरराष्ट्रीय शांति, सद्भाव एवं समरसता बनाए रखने’ के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा सकारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं ।
एक याचिका के माध्यम से ये मांग की गई !
“देश में सभी प्रतिष्ठानों, संगठनों या व्यक्तियों को पाकिस्तान के लोगों के साथ काम करने या उनसे जुडने पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए । पाकिस्तानी कलाकारों को प्रवेश अनुमति पत्र नहीं दिया जाना चाहिए । चलचित्र फिल्म उद्योग से फैज अनवर कुरेशी ने मांग की कि ऐसा न करने वालों के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जानी चाहिए । याचिका में कुरैशी ने कहा था, ”क्रिकेट विश्व कप के संदर्भ में पाकिस्तानी गायकों और कलाकारों को आमंत्रित किया जाएगा और इससे भारतीय कलाकारों के आजीविका के अवसर प्रभावित होंगे ।”
संपादकीय भूमिकाजिहादी पाक के आक्रमणों को रोकने के लिए भारतीय सेना आंखों में तेल डालकर सीमा की रक्षा कर रही है । वहीं दूसरी ओर कला को विस्तार देने के लिए पाकिस्तानी कलाकारों को यहां बुलाना कितना उचित है ? केंद्र सरकार को इस पर ठोस और स्पष्ट नीति अपनानी चाहिए और लोगों को भ्रामक स्थिति से दूर करना चाहिए ! |