मणिपुर की हिंसा के पीछे बांग्लादेश एवं म्यानमार के आतंकी संगठन ! – राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा जानकारी

इंफाल (मणिपुर) – मणिपुर में पिछले ४ माहों से चल रही हिंसा के पीछे बांग्लादेश एवं म्यानमार के आतंकवादी संगठनों का हाथ है । यह जानकारी राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा सामने लाई गई है । ये संगठनएं मणिपुर में सुरक्षादल एवं हिन्दू मैतेई समाज पर आक्रमण करने के लिए आतंकियों की भर्ती कर रहे हैं । मणिपुर में ४ माह की हिंसा में अबतक १५० से अधिक लोगों की मृत्यु हुई है, जबकि सैकडों घर जलाए गए हैं । सहस्रों लोगों को पलायन करना पडा है । सैकडों आश्रयगृहों में सहस्रों लोगों ने शरण ली हैं । यहां इंटरनेट सेवा बंद है ।

मणिपुर में शांति स्थापित न हो, यह षड्यंत्र !

राष्ट्रीय जांच एजेंसी की छानबीन से ध्यान में आया है कि बांग्लादेश एवं म्यानमार के आतंकवादी संगठन भारत सरकार के विरुद्ध युद्ध करने हेतु ही भिन्न भिन्न समूहों में दरार डालने का प्रयास कर रहे हैं । इसके लिए उन्होंने भारत के कट्टरतावादी नेताओं को साथ लेकर षड्यंत्र रचा है । उन्हें किसी भी मूल्य पर मणिपुर शांत नहीं होने देना है ।

भारत के अन्य आतंकवादी संगठनों को मिल रही है सहायता !

जांच द्वारा प्राप्त जानकारी में इन आतंकवादी संगठनों के नियंत्रक मणिपुर में हिंसा के लिए हथियार, बारूद एवं अन्य सामग्री क्रय करने के लिए धन की आपूर्ति कर रहे हैं । इसके लिए उन्हें के ईशान्य भारत में सक्रिय अन्य आतंकवादी संगठनों की सहायता मिल रही है । साथ ही म्यानमार के आतंकवादी संगठनों के आतंकवादी मणिपुर में घुसपैठ कर वहां के हिन्दू मैतेई एवं सुरक्षादल पर आक्रमण कर रहे हैं । इस से उन्हें हिंसा बढानी है । उनके द्वारा की गई गोलीबारी के कुछ वीडियोज सामने आए हैं ।

सीमा पर विशेष सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिनका अनुचित लाभ लिया जा रहा है !

भारत एवं म्यानमार के मध्य १ सहस्र ६४३ किलोमीटर की सीमा है । इन सीमाओं पर  तार की बाड नहीं लगाई गई है । इस कारण यहां के नागरिक एक-दूसरे की सीमा में  सहजता से आ-जा सकते हैं । साथ ही वर्ष २०१८ में ‘फ्री मूवमेंट रिजीम’ के अंतर्गत ईशान्य भारत के ४ राज्यों की कुछ जाति के नागरिक म्यानमार में १६ किलोमीटर तक अंदर जा सकते हैं । साथ ही म्यानमार के लोग भी भारत आ सकते हैं । इस सुविधा का अनुचित लाभ ले कर आतंकवादी भारत में घुसपैठी करते रहते हैं । उनकी भाषा एवं संस्कृति एक समान होने से उनको पहचाना नहीं जा सकता ।

संपादकीय भूमिका 

  • अब सरकार को इस जानकारी के आधार पर इन देशों की सरकारों से आतंकवादी संगठनों पर कार्रवाई करने की मांग करनी चाहिए । यदि वे कार्रवाई नहीं करती हैं, तो भारत को इन देशों में जाकर स्वयं ही कार्रवाई कर मणिपुर को शांत करना होगा !
  • बांग्लादेश एवं म्यानमार के आतंकवादी संगठन भारत में हिंसा करनेवाली हैं, भारतीय गुप्तचरों को यह पहले ही क्यों समझ में नहीं आया ? अभी भी यह समझने में ४ माह क्यों लगें ? ऐसे प्रश्‍न उपस्थित हो रहे हैं !