नेपाल में चीन के राजदूत के भारतविरोधी वक्तव्यों का प्रकरण
नई देहली – नेपाल में चीन के राजदूत द्वारा भारत के विरोध में विधान करने के उपरांत अब भारत का काठमांडु के दूतावास द्वारा नेपाल के परराष्ट्र मंत्रालय ने इस विषय में प्रश्न कर उन पर कार्रवाई करने की मांग की है । नेपाल के परराष्ट्रमंत्री एन.पी. सौद ने कहा कि हमने चीन के राजदूत को नोटिस भेजी है ।
१. नेपाल के अनेक राजकीय कूटनीतिज्ञों ने चीन के राजदूतों के विधान का विरोध किया है । उनका कहना है कि ‘चीन के राजदूत ने नेपाल में भारत के विरोध में अनावश्यक वाद-विवाद निर्माण किया है ।
२. भूतपूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा सरकार में प्रधानमंत्री के परामर्शदाता (सलाहाकार) रह चुके अरुण सुबेदी ने कहा कि नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड की सरकार को चीन को एक पत्र भेजकर उसके राजदूत के वक्तव्य का विरोध करना चाहिए । प्रश्न यह है कि यदि भारतीय राजदूत भी इसप्रकार के विधान करेंगे, तो नेपाल का उत्तर क्या होगा ? प्रचंड की सरकार चीन के राजदूत के वक्तव्य पर मौन साधे है ।
प्रधानमंत्री कार्यालय से चीन के राजदूत के वक्तव्यों का विरोध
नेपाल के प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा चीन के राजदूत के वक्तव्य को अराजकीय घोषित किया है । उन्होंने कहा है कि चीन के राजदूत नेपाल के अंतर्गत प्रकरणों में इसप्रकार के वक्तव्य नहीं कर सकते । इसके साथ ही पडोसी देशों के विषय में और हमारे आपसी संबंधों पर और वह भी जिन पर हम बहुत निर्भर हैं, उन पर टिप्पणी नहीं कर सकते ।
संपादकीय भूमिकाचीनी राजदूत पर कार्रवाई करने की शक्ति नेपाल में नहीं है । इसलिए ऐसा कुछ भी नहीं होगा । भारत को ही चीन को ‘जैसे का तैसा’ उत्तर देना चाहिए ! |