(और इनकी सुनिए…) ‘ब्रिटेन द्वारा की गई आर्थिक सहायता भारत वापस दे !’ – पैट्रिक क्रिस्टिसन, जी.बी.एन. वृत्तवाहिनी के समाचार निवेदक

‘चंद्रयान-३’ की सफलता पर ब्रिटिश समाचार संवाददाता को पेटदर्द !

लंदन (इंग्लैंड) – भारत के ‘चंद्रयान-३’ अभियान की सफलता पर पूरे विश्व में भारत की प्रशंसा हो रही है । परंतु इस सफलता से कुछ लोग पेट-दर्द से परेशान होने लगे हैं । ‘चंद्रयान-३’ के समाचार देते हुए इंग्लैंड के जी.बी.एन. वृत्तवाहिनी के समाचार निवेदक पैट्रिक क्रिस्टिसन ने कहा, ‘भारत को ब्रिटेन का धन वापस देना चाहिए । जिनके स्वयं के अंतरिक्ष अभियान हैं, ऐसे देशों को ब्रिटेन धन ना दे ।’ इस पर सामाजिक माध्यमों से भारतीयों ने उसका भारी विरोध किया है ।

क्रिस्टिसन ने नियम बनाने की अभिलाषा करते हुए कहा, ‘भारत चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर गया । मैं उसका अभिनंदन करता हूं । इसके साथ ही मैं भारत से मांग करता हूं कि उसको हमारे २.३ बिलियन पाऊंड्स (२४ सहस्र करोड रुपए से अधिक राशि) वापस दे देने चाहिए । यह राशि हमने  भारत को वर्ष २०१६ से २०२१ की कालावधि में सहायता के रूप में दी थी । हम आगामी वर्ष में भारत को ५७ मिलियन पाऊंड्स (५९५ करोड रुपए) देनेवाले हैं । हमारे देश के लोगों को ऐसा नहीं करना चाहिए । जिस देश का स्वयं का अंतरिक्ष अभियान कार्यरत है, ऐसे किसी भी देश को आर्थिक सहायता नहीं करनी चाहिए ।’

क्रिस्टिसन ने आगे कहा, ‘यदि भारत चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर रॉकेट भेज सकता है, तो फिर भारत को हमसे धन मांगने की आवश्यकता नहीं है । भारत में २२.९ करोड निर्धन लोग हैं; परंतु भारत विश्व की ५ वीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है । (भारत अर्थव्यवस्था की दौड में ब्रिटेन से आगे निकल गया है, इसी कारण उसके समाचार एंकर भारत-द्वेष से पीडित हो गए हैं, यही कडवा सत्य है ! – संपादक) भारत की अर्थव्यवस्था ३.७५ ट्रिलियन डॉलर्स (लगभग २५० लाख करोड रुपए) है । हम भारत के निर्धन लोगों की सहायता क्यों कर रहे हैं ? क्या उनकी सरकार को उनकी चिंता नहीं है ?

ब्रिटेन भारत को ३ सहस्र ७१९ लाख करोड रुपए वापस करे !

भारतीयों ने पैट्रिक क्रिस्टिसन के इस वक्तव्य का अचूक खंडन किया गया है । शशांक शेखर झा नामके एक व्यक्ति ने एक जानदार ट्वीट करते हुए कहा, ‘ब्रिटेन भारत से लूटे हुए ४४.९९७ ट्रिलियन डॉलर (३ सहस्र ७१९ लाख करोड रुपए) वापस दे । अनुदान का स्मरण करवाने के लिए धन्यवाद ! लूटे हुए ४५ ट्रिलियन डॉलर वापस करते समय २.५ बिलियन डॉलर काटकर शेष राशि हमें वापस दे ।’

संपादकीय भूमिका 

अब उनको यह बताने का समय आ गया है कि ब्रिटिश गुंडों के एक समूह ने विश्व को लूटकर ही अपने देश का निर्माण किया है !