नई देहली – ऐसी घटनाएं सामने आई हैं कि चल-दूरभाष पर किसी की भी आवाज चोरी कर धन कमाने के लिए उसका उपयोग किया जाता है । इस प्रकरण को ‘आवाज चुराकर फंसाना (ठगना)’ (वॉईस क्लोनिंग फ्रॉड) कहा जाता है ।
इसमें चोर (ठग) कृत्रिम बुद्धिमत्ता की (‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ की) सहायता से चल-दूरभाष से किसी की भी आवाज, बोलने की पद्धति सभी हूबहू चोरी कर लेता है । (‘कॉपी’ करता है ।) तदनंतर ठग ने जिसकी आवाज चोरी की है, उसका परिवार, परिजन, मित्रों को चल-दूरभाष से अपनी ही आवाज में संपर्क करता है । बिलकुल अपनी ही बोली (आवाज) में वह अपने परिजनों को ‘मैं संकट में फंस गया हूं’, ऐसा कहकर चल-दूरभाष बिगड गया है एवं धन की त्वरित आवश्यकता होने का कहता है । परिजन, सगे-संबंधी, आदि किसी को भी यह आवाज झूठी होने का संदेह नहीं होता । उन्हें लगता है कि अपना ही कोई बोल रहा है । तदनंतर ठग उनको एक ‘बार कोड’ भेजकर उस पर धन भेजने को कहता है । चिंता के कारण परिजन तुरंत ही पैसे भेज देते हैं एवं इस प्रकार वे फंस जाते हैं ।
फ्रॉड का नया तरीका! पहले #AI से आवाज की कॉपी और फिर एक फोन कॉल..अपनों के नाम पर ऐसे लोगों को लूट रहे साइबर अपराधी #CyberCrime #CyberAttack https://t.co/hzqDFHqwNC
— Times Now Navbharat (@TNNavbharat) July 29, 2023
इस बनावटी बोली में ये ठग संबंधित लोगों के ‘डेबिट’ एवं ‘क्रेडिट कार्ड’ की जानकारी पा लेते हैं एवं संबंधित लोगों के खाते से पैसे निकाल लेते हैं । इसलिए सामाजिक माध्यमों से सावधान रहने का आवाहन किया जा रहा है । यदि इस प्रकार का चल-दूरभाष आता है, तो उसे बंद कर पीडित व्यक्ति के चल-दूरभाष पर संपर्क कर वास्तविकता की जांच करने का आवाहन किया गया है ।