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नई देहली – केंद्र सरकार के विवरण (रिपोर्ट) के अनुसार भारत में विगत ५ वर्षों में २ लाख ७५ सहस्र १२५ बालक लापता हो गए हैं । उनमें से २ लाख ४० सहस्र बालकों को ढूंढा गया है । लापता बालकों में लडकियों की संख्या अधिक है । केंद्र सरकार ने संसद में इससे संबंधित प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि पूरे देश में अब तक ३५ सहस्र बालक लापता हैं । जिन बालकों को ढूंढा नहीं गया, उनमें मध्य प्रदेश एवं बंगाल राज्यों के बालक अधिक हैं । चाइल्ड हेल्पलाइन लापता बालकों को ढूंढने का काम करती है ।
१. वर्ष २०२१ में पॉक्सो कानून के अंतर्गत ५३ सहस्र ८७४ अपराध प्रविष्ट किए गए थे । पॉक्सो कानून के अंतर्गत बालकों के अपराधों में प्रत्येक तीसरा अपराध प्रविष्ट किया जा रहा है ।
२. राष्ट्रीय अपराध पंजीकरण विभाग के अनुसार वर्ष २०२१ में २ सहस्र ८३४ बालकों की तस्करी हुई । अर्थात प्रतिदिन काम करना, भीख मांगना एवं यौन शोषण के उद्देश्य से ८ बालकों की तस्करी हुई है । वर्ष २०१८ में यह संख्या २ सहस्र ९१४, जबकि २०१९ में २ सहस्र ९१४ एवं वर्ष २०२० में २ सहस्र २२२ बालकों की तस्करी हुई । खाडी देशों तक इन बालकों की तस्करी होती है ।
३. राष्ट्रीय अपराध पंजीकरण विभाग के अनुसार देश में वर्ष २०२० में ६६ लाख १ सहस्र २८५ अपराध प्रविष्ट किए गए हैं । वर्ष २०२१ में कुल अपराधों में १६ प्रतिशत की बढोतरी हुई है । वर्ष २०२० में बालकों पर १ लाख २८ सहस्र ५३१ अपराध प्रविष्ट हुए । वर्ष २०२१ में यह आंकडा १ लाख ४९ सहस्र ४०४ हो गया है ।
संपादकीय भूमिकाइस प्रकार बालकों का लापता होना, पुलिस के लिए लज्जाजनक ! |